प्रदेश के 19 हजार प्राइवेट स्कूल्स की प्री प्राइमरी क्लासेज में एडमिशन के लिए लॉटरी निकाल दी गई है। अब स्टूडेंट्स के माता-पिता को शुक्रवार तक स्कूल में रिपोर्ट करना है। स्कूल में उपलब्ध सीट्स के आधार पर इनका एडमिशन होगा। शिक्षा सत्र के अंतिम दिनों में ये एडमिशन न्यायालय के एक आदेश के तहत हो रहे हैं।
राज्य की 19 हजार 328 स्कूल्स में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी में एडमिशन के लिए दो लाख बीस हजार 257 अभिभावकों ने आवेदन किया। एक स्टूडेंट के लिए कई स्कूल्स में चॉइस भरी गई है। ऐसे में करीब साढ़े आठ लाख चॉइस भरी गई है। जिसमें एक लाख पंद्रह हजार छात्र और एक लाख चार हजार छात्राएं हैं। स्कूल्स में बुधवार से शुक्रवार तक रिपोर्ट करना है। प्रत्येक स्टूडेंट को स्कूल में मेरिट नंबर मिला है। सीट से ज्यादा मेरिट नंबर होने के बाद भी उसे वहां अपने डॉक्यूमेंट देने होंगे। कई बार टॉप में रहने वाले स्टूडेंट्स दूसरी स्कूल में एडमिशन ले लेते हैं। ऐसे में सीट से ज्यादा नंबर वाले स्टूडेंट्स का भी नंबर आता है। अगर किसी स्कूल में दस सीट है और उसी स्कूल में मेरिट नंबर 38-40 है तो भी नंबर आने की उम्मीद रहती है। ऐसे में सभी स्कूल्स में अपने डॉक्यूमेंट जमा कराने की छूट दी गई है।
स्कूल्स को फीस पर संशय
उधर, प्राइवेट स्कूल संचालकों को प्री प्राइमरी क्लासेज की फीस मिलेगी या नहीं? इस पर अभी संशय है। प्री प्राइमरी क्लासेज की फीस नहीं मिलने की आशंका में प्राइवेट स्कूल संचालक विरोध कर रहे हैं। तीन साल तक एक स्टूडेंट को फ्री पढ़ाने के लिए स्कूल तैयार नहीं है। जिन बच्चों का चयन होता है, उनकी फीस सरकार देती है लेकिन प्री प्राइमरी के मामले में सरकार फीस देने के लिए तैयार नहीं है।
ओबीसी के सर्वाधिक आवेदन
आवेदन करने वाले दो लाख बीस हजार स्टूडेंट्स में सर्वाधिक ओबीसी के एक लाख 14 हजार फॉर्म है। सामान्य के 51 हजार, एमबीसी के साढ़े तीन हजार, एससी के 41 हजार और एसटी के करीब दस हजार आवेदन है। बीपीएल के करीब 19 हजार आवेदन हैं