शहर भाजपा की जिम्मेदारी एक बार फिर विजय आचार्य को सौंप दी गई है। इससे पहले भी आचार्य अध्यक्ष रहे थे लेकिन तब कार्यकाल बहुत कम समय के लिए रहा, लेकिन अब चुनावी साल में उन्हें जिम्मेदारी सौंपी गई है। उधर, देहात में जालम सिंह भाटी को एक बार फिर बागडोर सौंप दी गई है।
प्रदेश भाजपाध्यक्ष सतीश पूनिया ने इस बारे में आदेश जारी किए हैं। बीकानेर में शहर अध्यक्ष के दावेदार के रूप विजय आचार्य के अलावा भी कई नाम थे जिन्हें पीछे छोड़कर विजय आचार्य को जिम्मा दिया गया है। विधानसभा चुनाव में बीकानेर पश्चिम से टिकट के भी दावेदार हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि उन्हें अध्यक्ष बनाकर टिकट की दौड़ में कुछ पीछे कर दिया गया है। आमतौर पर पार्टी अध्यक्षों को टिकट नहीं देने की शर्त होती है। हालांकि टिकट देने में अब आचार्य की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होगी। कई बार अध्यक्ष को भी टिकट दिया जाता रहा है, ऐसे में टिकट की दौड़ से वो पूरी तरह बाहर नहीं हुए हैं।
देहात अध्यक्ष की जिम्मेदारी एक बार फिर जालम सिंह भाटी को दी गई है। इससे पहले ताराचंद सारस्वत के पास ये जिम्मा था। जालम सिंह खुद पहले अध्यक्ष रह चुके हैं। खाजूवाला क्षेत्र में जालम सिंह भाटी का प्रभाव है। खाजूवाला के पूर्व विधायक डॉ. विश्वनाथ मेघवाल के नजदीकी हैं।