नोखा के कारोबारी की दुकान पर लूट का प्रयास, जाबांज सुनील कठातला ने गोली खा कर भी दिया ईमानदारी का परिचय

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बीकानेर बुलेटिन





असम के जोरहाट स्थित मारवाड़ी ठाकुरबाड़ी के पास नवल चंद रामकिशन नामक प्रतिष्ठान में लूट के प्रयास की घटना में श्रीबालाजी निवासी सुनील कठातला घायल हो गया। उसके पांव में गोली लगने के बाद उसे हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया है। प्रतिष्ठान पर पहुंचे दो बदमाशों ने सुनील से तिजौरी में रखे रुपए मांगे थे। नहीं देने पर आरोपियों ने उसके पांव में गोली मार दी। खून से लहूलुहान हालत के बावजूद सुनील ने एक आरोपी को दबोचे रखा। मौके पर पहुंची आसाम पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद सुनील की बहादुरी पर 50 हजार रुपए का नगद इनाम दिया है। गोलीबारी में सुनील पैर में गोली लगने से घायल हो गया था। इसके बावजूद उसने साहस दिखाते हुए अपने सहयोगी अनिल यादव व ड्राइवर बिटुपन बोरा के सहयोग से आरोपी देहा को पकड़ लिया। शर्मा को तत्काल जेएमसीएच में भर्ती कराया गया। 
असम पुलिस द्वारा सुनील कठातला का सम्मान



नोखा के व्यापारी रामकिशन गट्‌टाणी का जोरहाट में आटे और मैदे का बिजनेस है। आरोपी प्रांजल बोरा उर्फ देहा और राहुल साहू ने फिरौती की मांग करते हुए लूट की घटना को अंजाम दिया था। सुनील ने बताया कि रात के करीब दस बजे मोटरसाइकिल पर सवार दो युवक दुकान आए। हथियारों से लैस दोनों ने गल्ले और तिजोरी में रखे रुपए देने को कहा। एक आरोपी ने कनपट्टी पर बंदूक तान दी। हाथापाई के दौरान एक बदमाश ने मेरे पांव पर गोली मार दी। इसके बावजूद मैंने उसे पकड़े रखा। घटना की सूचना के बाद मौके पर आसाम पुलिस ने प्रांजल बोरा को मौके से गिरफ्तार कर लिया वहीं फरार आरोपी राहुल साहू को अगले दिन पकड़ लिया। सुनील की जाबांजी जिसने भी देखी वो दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर हो गया। स्वामीभक्ति और कर्त्तव्यनिष्ठा का अनुपम उदाहरण उसने पेश किया। बदमाशों की पैसे की मांग को उसने साफ तौर पर नकार दिया। वहीं गोली लगने के बाद उन्हें ललकारते हुए सुनील अपनी परवाह न कर बदमाश प्रांजल पर चढ़ बैठा। आखिर उसने दो बदमाशों में एक को पकड़ कर ही दम लिया। घटना के बाद अस्पताल में डीएसपी मामोनी ने सुनील की पीठ थपथपाते हुए कहा कि आपने पुलिस का काम आसान कर दिया। वहीं अस्पताल पहुंचे एसपी ने कहा कि सिर पर जब पिस्तौल तनी हो तो अच्छे-अच्छे का फ्यूज उड़ जाता है। लेकिन सुनील ने अपनी क्षमता से कहीं आगे बढ़कर प्रतिरोध किया जो काबिले तारीफ है। घटना के दौरान सुनील की बहादुरी के साथ चश्मदीदों ने उसका मानवीय पक्ष भी देखा। जब भीड़ बदमाश प्रांजल को पीटने लगी तो घायल सुनील ने अपनी परवाह न कर प्रांजल को सुरक्षित दुकान में ले जाने को कहा। सुनील के अनुसार भीड़ की पिटाई से उसकी जान जा सकती थी। ऐसी विकट परिस्थिति में सुनील की इस सूझबूझ और मानवता ने उसका कद लोगों की नज़रों में ऊंचा कर दिया।
पुलिस गिरफ्त में आया राहुल साहू





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