इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में हनुमानगढ़ से जैसलमेर तक के लाखों काश्तकारों को अब नहरी पानी की उपलब्धता और वितरण से संबंधित सारी जानकारी मोबाइल ऐप के माध्यम से मिल सकेगी। दरअसल, अब तक स्काडा प्रोजेक्ट के तहत किसानों को ये जानकारी मिल ही थी लेकिन पिछले कुछ समय से ये सिस्टम बंद पड़ा है। पिछले दिनों नहर विशेषज्ञ नरेंद्र आर्य ने स्काडा प्रोजेक्ट बंद होने का विरोध किया था, इसके बाद संभागीय आयुक्त ने संभाग के सभी नहर अधिकारियों को शुक्रवार को तलब किया। संभागीय आयुक्त पवन ने शुक्रवार को नहर प्रणाली के अधिकारियों की बैठक के दौरान बताया कि दस दिनों में यह ऐप तैयार करने के निर्देश दिए। यह कार्य सीएडी और आईजीएनपी के अधिकारियों के समन्वय से किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गंगनहर की तर्ज पर आईजीएनपी नहर प्रणाली का मोबाइल ऐप बनाया जाएगा, जिससे सभी जिलों के किसानों को हरिके बैराज से लेकर अंतिम छोर तक पानी की उपलब्धता संबंधी जानकारी प्राप्त हो सकेगी। ऐप तैयार होने तक सिंचित क्षेत्र विभाग और संभाग के चारों जिलों की वेबसाइट पर प्रति तीन घंटे से पानी की उपलब्धता संबंधी जानकारी अपडेट करनी होगी।
उन्होंने शनिवार से यह अपडेशन प्रारंभ करने के निर्देश दिए। संभागीय आयुक्त ने नहरों में पानी की उपलब्धता और वितरण की स्थिति की जानकारी ली और रेगुलेशन का अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। इस दौरान सीएडी के अतिरिक्त निदेशक दुर्गेश बिस्सा, वित्त नियंत्रक संजय धवन, मुख्य अभियंता असीम मार्कण्डेय, अतिरिक्त मुख्य अभियंता प्रदीप रुस्तगी, अधीक्षण अभियंता विवेक गोयल, शिव चरण गोयल, धर्मेश यादव, अधिशाषी अभियंता अशोक नागल, सूचना विज्ञान अधिकारी संकल्प शर्मा, संयुक्त निदेशक ( सूचना प्रौद्योगिकी) सत्येंद्र सिंह राठौड़ और किसान प्रतिनिधि नरेंद्र आर्य मौजूद रहे। आईजीएनपी हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता अमरजीत सिंह मेहरडा वीडियो कांफ्रेस के माध्यम से जुड़े।