बीकानेर के छत्तरगढ़ में एक युवती की गला रेतकर हत्या करने के मामले में स्थानीय अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वर्ष 2014 के इस मामले में अदालत ने आईपीसी की दो धाराओं के तहत अभियुक्त को सजा सुनाई है।
दस दिसम्बर 2014 को छत्तरगढ़ में रहने वाले अतु खां ने मामला दर्ज कराया था कि उसकी बेटी बशीरा की शौकत नामक युवक ने हत्या कर दी है। बशीरा गाय को संभाल रही थी, तभी शौकत ने उसे पकड़कर चाकू से उसका गला रेत दिया। जिससे वो मौके पर ही गिर गई। उसे संभाला तो मृत थी। इस मामले में पुलिस ने शौकत को गिरफ्तार कर लिया था। पिछले आठ साल से इस मामले में अदालत में सुनवाई चल रही थी। अब अपर सेशन न्यायाधीश संख्या सात ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सजा सुना दी है। बशीरा की हत्या करने वाला युवक शौकत न सिर्फ उनका पड़ौसी था, बल्कि रिश्तेदार भी था। दोनों के बीच हुई अनबन के चलते उसकी हत्या कर दी गई।
ये दी गई सजा
शौकत को आईपीसी की धारा 302 के तहत आजीवन कारावास के साथ दस हजार रुपए का अर्थदंड दिया गया है। अर्थदंड नहीं देने पर तीन महीने अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। वहीं आईपीसी की धारा 450 के तहत सात वर्ष की सजा दी गई है। इस धारा के तहत तीन हजार रुपए का अर्थ दंड लगाया गया है। अर्थदंड नहीं देने पर एक महीने अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। इस मामले में वाहिद अली ने लोक अभियोजक की भूमिका निभाई जबकि ओपी हर्ष व प्रदीप हर्ष ने परिवादी की ओर से एडवोकेट रहे।