शहर के कुछ चिन्हित स्थानों पर ही पटाखे बेचने की जिला प्रशासन की योजना एक बार फिर फेल हो गई है। पटाखा व्यापारियों के दबाव में चलते प्रशासन ने एक बार फिर दुकानों पर ही पटाखे बेचने की स्वीकृति दे दी है, हालांकि इसके लिए कुछ शर्तें भी लगाई गई है। दुकानदारों को शपथ पत्र देना होगा कि उनकी दुकान में किसी तरह का नुकसान होता है तो वो हर्जा-खर्चा नहीं मांगेंगे और ग्राहकों की सुरक्षा का पूरा प्रबंध करेंगे।
बीकानेर फायरवर्क्स एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र किराडू ने बताया कि एम.एम. ग्राउंड, भीनासर में जवाहर स्कूल मैदान और जयनारायण व्यास कॉलोनी में ग्रामीण हार्ट में ही दुकानें लगाने की छूट दी थी। ये निर्णय अव्यावहारिक था, क्योंकि एक ही जगह बड़ी संख्या में बारुद एकत्र करना खतरनाक है। इससे बड़ा हादसा हो सकता है। टेंट लगाकर पटाखों की दुकान बनाने से ज्यादा नुकसान की आशंका थी। ऐसे में विरोध किया गया। जिला प्रशासन ने अब इस मांग को स्वीकार कर लिया है। अब शहरभर में दुकानों पर पटाखों की बिक्री हो सकेगी। दुकान खोलने के लिए दुकान का लाइसेंस लेना पड़ेगा। इसके लिए नियमों का पालना करना होगा। सुरक्षा के प्रबंध करने होंगे।
इस व्यवस्था के विरोध में सेवादल के प्रदेश उपाध्यक्ष कमल कल्ला ने भी जिला कलक्टर से मुलाकात की। इस दौरान कल्ला ने भी एक स्थान पर पटाखों की बिक्री काे खतरनाक बताया। कल्ला ने कहा कि इससे बड़ा हादसा हो सकता है। जहां कियोस्क लगाकर पटाखें बेचने की व्यवस्था है, वहां लोहे के कियोस्क और लोहे के ही फर्नीचर का प्रबंध किया जाता है। बीकानेर में कपड़े के टैंट लगाए जा रहे हैं, जो अधिक खतरनाक है।
बीकानेर में स्थायी तौर पर पटाखे बेचने वाले साठ से ज्यादा लाइसेंसधारी व्यापारी है। इसके अलावा कुछ व्यापारी दीपावली से पहले स्वीकृति लेते हैं। बीकानेर शहर में इस समय तीस स्थायी लाइसेंसधारी है जबकि नगर निगम एरिया में ये संख्या ज्यादा है। दीपावली पर बीकानेर में कई करोड़ रुपए के पटाखें बिक जाते हैं।