क्या गहलोत की ही पसंद का होगा नया मुख्यमंत्री ?
नई दिल्ली: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बुधवार को कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से 10 जनपथ पर मुलाकात की. यह मुलाकात करीब 2 घंटे तक चली. सोनिया गांधी-गहलोत मुलाकात प्रकरण की सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गहलोत का नामांकन भरना फाइनल माना जा रहा है. गहलोत 26 या 27 को अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरेंगे. दूसरी ओर शशि थरूर भी पार्टी हित में नामांकन नहीं भरने या नामांकन वापस लेने का फैसला ले सकते हैं.
ऐसे में राजनीतिक क्षेत्रों में एक अहम सवाल खड़ा हो रहा है? आखिर कौन होगा राजस्थान का मुख्यमंत्री? बजट सत्र तक खुद गहलोत अपने पास ही मुख्यमंत्री का चार्ज रख सकते हैं, और बजट के बाद एक सर्वसम्मत नाम आलाकमान के सामने रख सकते हैं. विधायकों से सलाह मशविरा के बाद सर्वसम्मत नाम आ सकता है.
फिलहाल इस दृष्टि से ब्राह्मण फेस के तौर पर डॉ. सीपी जोशी का नाम दौड़ में सबसे आगे चल रहा है. सीपी का नाम सोनिया को गहलोत पहले ही दे चुके हैं. दूसरी ओर फायलट कैंप ने अभी भी उम्मीद नहीं छोड़ी है. एक सूत्र के अनुसार गहलोत से चर्चा के बाद राहुल एक- दो दिन में इस बारे में कोई अंतिम फैसला ले सकते हैं.
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आज नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए आज नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा. नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया 24 से 30 सितंबर तक चलेगी. अगर एक से अधिक कांग्रेस नेता ने नामांकन दाखिल किया तो 17 अक्टूबर को मतदान होगा और 19 अक्टूबर को नतीजे आएंगे. मौजूदा स्थिति की बात करें तो कांग्रेस सांसद शशि थरूर और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत चुनावी दौड़ में हैं.
गहलोत कैंप का यह प्रयास है कि फरवरी में बजट पेश करने तक गहलोत ही मुख्यमंत्री रहें और इन 4-5 महीनों के दौरान डॉ.सीपी जोशी SHADOW मुख्यमंत्री की तरह काम करें. लेकिन सीपी के TEMPERAMENT को देखते हुए क्या वह सचमुच कर पाएंगे ऐसा ? शायद आज केरल में राहुल से गहलोत की मुलाकात के बाद तस्वीर कुछ साफ हो. इसी बीच आज सुबह केरल में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान आलाकमान से जुड़े एक सूत्र ने खुलासा करते हुए कहा कि जहां तक गहलोत की बात है, जब वे अध्यक्ष पद का चुनाव लड़कर जीत जाएंगे तब ये प्रश्न हमारे सामने होगा कि क्या वे दो पद पर एक साथ रह सकते हैं ? तभी इस सवाल का जवाब देंगे. कुल मिलाकर राजस्थान को लेकर आलाकमान एक बार फिर से CONFUSED है. इसलिए अब हर किसी को 19 अक्टूबर के बाद के घटनाक्रम का इंतजार करना होगा.