बीकानेर. शहर की दशकों पुरानी समस्या को पंख लग गए हैं। अगर यह कहते हैं, तो आशय भले ही यह निकलता हो कि समस्या बढ़ गई है, लेकिन यहां इसका आशय दूसरा है। दरअसल, यहां बात हो रही है बीकानेर शहर के लिए दशकों से नासूर बने दो रेलवे फाटकों की, जिनकी वजह से दिन भर में कई बार जैसे शहर ही दो हिस्सों में बंट जाता है। जहां तक समस्या को पंख लगने की बात है, तो आशय यह है कि बीकानेर की यह समस्या अब पंख लगा कर उड़ जाने को तत्पर है। दरअसल, राज्य और केंद्र के सम्मिलित प्रयास से अब इस तरह के प्रयासों को एक आकार मिला है, जिससे शहर को रेलवे क्रासिंग के रूप में मिले इन दो नासूरों से छुटकारा मिल जाएगा।
यह हैं वह दो रेलवे क्रासिंग
जिन दो रेलवे क्रासिंग पर समस्या समाधान की ठोस और संजीदा पहल हुई है, उनमें से एक है सांखला फाटक, जहां पर अंडरपास निर्माण के लिए रेलवे प्रशासन और नगर विकास न्यास ने ड्रॉइंग को अंतिम रूप दे दिया है। जानकारी के मुताबिक ड्राइंग को मंजूरी भी मिल चुकी है। यहां तक कि अंडरपास निर्माण शुरू करने के लिए दस फीट गहराई से मिट्टी के नमूने लेने का कार्य भी जल्दी ही पूरा कर लिया जाएगा। यहां करीब पांच मीटर चौड़ा और तीन मीटर गहराई का अंडर पास बनेगा। इसमें से कार-जीप, एम्बुलेंस और बाल वाहिनी आसानी से निकल सकेंगी।
दूसरी समस्या, जिससे मिलेगी निजात
ऐसा ही दूसरा रेलवे अंडरपास रानीबाजार फाटक पर बनाया जाना है। आमजन के लिए राहत की एक और बड़े काम को हरी झंडी मिली है। रेलवे पटरी के दोहरीकरण का सर्वे करने की मंजूरी मिल गई है। हालांकि इस काम में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं, क्योंकि कुछ सौ मीटर तक के इलाके में जगह बेहद कम है या यूं कहें सकरी है, जिसमें दूसरी रेलवे लाइन डालने के लिए ही जगह नहीं है। हालांकि बीकानेर से लालगढ़ रेलवे स्टेशन के बीच लगने वाले अवांछित अतिरिक्त समय को कम करने की दिशा में ठोस पहल करते हुए इस रेलवे लाइन के दोहरी करण को भी मंजूरी मिल चुकी है।