देश-विदेश के प्रसिद्ध न्यूरोलॉजिस्ट और पद्मश्री डॉ. अशोक पनगड़िया का शुक्रवार दोपहर करीब 3:50 बजे निधन हो गया। पनगड़िया पोस्ट काेविड बीमारी से जूझ रहे थे और लंबे समय से वे वेंटिलेटर पर थे। उनकी स्थिति ज्यादा खराब होने के बाद दोपहर करीब 2.30 बजे उन्हें जयपुर स्थित EHCC अस्पताल से उनके निवास पर वेंटिलेटर सपोर्ट पर ही लाया गया था, लेकिन करीब सवा घंटे बाद डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया। करीब 10 दिन पहले उनकी तबीयत वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद बिगड़ गई थी।
पनगड़िया के करीबी सूत्रों की मानें तो कोरोना के कारण उनके फेफड़े (लंग्स) डेमेज हो चुके थे। 48 दिनों तक कोरोना से लड़ने के बाद आखिरकार डॉ. पनगड़िया जीवन की जंग हार गए। इससे पहले उनकी स्वस्थ्य होने के लिए पूरे देशभर में उनके करीबी और उनसे जुड़े लोग उनके जल्द ठीक होने की दुआएं कर रहे थे। उनके इलाज के लिए देश-विदेश के विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम लगी हुई थी, जिसमें टॉप मोस्ट नेफ्रोलॉजिस्ट, पल्मनोलॉजिस्ट, फिजीशियन शामिल हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत स्वयं भी उनकी तबियत पर लगातार नजर बनाये रखे है।
वैक्सीन की दूसरी डोज लेने के बाद बिगड़ी तबीयत
पनगड़िया के करीबी की मानें तो उन्होंने इस बीमारी से करीब 10-12 दिन पहले कोवीशील्ड की दूसरी डोज SMS अस्पताल जाकर लगवाई थी। वैक्सीन लगने के बाद कुछ दिन बाद उन्हें कोविड के लक्षण महसूस हुए और उन्होंने जब जांच करवाई तो कोरोना की पुष्टि हुई।
बताया जा रहा है कि वह पिछले एक साल से घर से कहीं ज्यादा नहीं निकलते थे। पिछले साल जुलाई 2020 में उनके पुत्र की शादी के दौरान भी कार्यक्रम में महज 15 लोग ही शामिल हुए थे। उदयपुर में प्रस्तावित शादी समारोह को जयपुर में एक छोटे से आयोजन के तौर पर करवाया था। इसके अलावा डॉ. पनगड़िया ने पिछले एक साल (कोविड जब से शुरू हुआ) तब से मरीजों को देखना भी बंद कर दिया था, केवल ऑनलाइन ही मरीजों को परामर्श दिया करते थे।