एमसीएच विंग में लगेंगे अतिरिक्त बैड,पचास कंसंट्रेटर आए, पांच सौ की दी स्वीकृति, जिला कलक्टर ने ली बैठक, दिए आवश्यक निर्देश

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बीकानेर बुलेटिन




प्रभावी माॅनिटरिंग से रुका आॅक्सीजन का अपव्यय


बीकानेर, 5 मई। जिला कलक्टर नमित मेहता ने बुधवार को प्रशासनिक अधिकारियों, वरिष्ठ चिकित्सकों और आॅक्सीजन मित्रों के साथ बैठक लेते हुए आॅक्सीजन सप्लाई की स्थिति की समीक्षा की।

मेहता ने कहा कि आवक से लेकर मरीज तक आॅक्सीजन सप्लाई की प्रभावी माॅनिटरिंग की बदौलत जिले में बड़ी मात्रा में आॅक्सीजन का अपव्यय रुका है। कुछ दिन पूर्व तक जिले में आॅक्सीजन के 2 हजार सिलेण्डर की खपत होने लगी थी, जो अब घटकर लगभग 1 हजार 400 तक पहुंच गई है। एक सप्ताह पूर्व तक पीबीएम अस्पताल में प्रतिदिन प्रति मरीज औसत 4.3 आॅक्सीजन सिलेण्डर की खपत होती थी, यह अब कम होकर 2.1 सिलेण्डर प्रति मरीज पहुंच गया है, जबकि मरीज भार लगातार बढ़ रहा है।

पचास कंसंट्रेटर आए, पांच सौ की दी स्वीकृति

जिला कलक्टर ने बताया कि डीएमएफटी फंड के तहत स्वीकृत सौ में से पचास आॅक्सीजन कंसंट्रेटर प्राप्त हो चुके हैं। वहीं शेष पचास गुरुवार तक आ आने की संभावना है। इसी क्रम में रिलीफ फंड द्वारा पीबीएम अस्पताल के लिए तीन सौ और सीएचसी स्तर तक आॅक्सीजन युक्त बैड की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दो सौ आॅक्सीजन कंसंट्रेटर खरीद की स्वीकृति दे दी गई है। पीबीएम अधीक्षक तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा इन्हें खरीदा जाएगा। खरीद प्रक्रिया शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए।

एमसीएच विंग में लगेंगे अतिरिक्त बैड

मेहता ने बताया कि आॅक्सीजन कंसंट्रेटर मिलने के साथ एमसीएच विंग के भू-तल पर बैड बढ़ाने की कार्यवाही प्रारंभ कर दी गई है। मरीज संख्या बढ़ने की स्थिति में यहां भर्ती होने वाले मरीजों को कंसंट्रेटर के माध्यम से निर्बाध आॅक्सीजन आपूर्ति होती रहेगी। उन्होंने बताया कि लाॅयंस क्लब और रोटरी क्लब के भवनों में 25-25 बैड क्षमता के क्वारेंटाइन सेंटर तैयार कर लिए गए हैं। आवश्यकता के अनुसार इनका उपयोग भी किया जा सकेगा। वहीं जिला अस्पताल में भी दस आॅक्सीजन कंसंट्रेटर के माध्यम से आॅक्सीजन आपूर्ति की सुविधा शीघ्र ही प्रारम्भ कर दी जाएगी।

आॅक्सीजन मित्र ने बताया, कैसे रुक रहा अपव्यय?

‘आॅक्सीजन मित्र’ के रूप में तैनात नर्सिंग विद्यार्थियों ने एमसीएच विंग सहित विभिन्न वार्डों में आॅक्सीजन अपव्यय रोकने के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मरीज की आवश्यकता के अनुसार आॅक्सीजन फ्लो पर नजर रखने, मास्क सही ढंग से लगाने के साथ बिना जरूरत आॅक्सीजन फ्लो तेज करने वाले एवं बेवजह अपव्यय करने वाले मरीजों के परिजनों को समझाना एवं डाॅक्टरों को इससे अवगत करवाना जैसे प्रयासों से आॅक्सीजन के अपव्यय पर प्रभावी रोक लग पाई है।
बैठक में अतिरिक्त आयुक्त (आबकारी) अजित सिंह राजावत, अतिरिक्त कलक्टर (प्रशासन) बलदेव राम धोजक, निगम आयुक्त एएच गौरी, मेडिकल काॅलेज प्राचार्य डाॅ. मुकेश आर्य, पीबीएम अधीक्षक डाॅ. परमिंदर सिरोही, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ. सुकुमार कश्यप, डाॅ. अंजली गुप्ता आदि मौजूद रहे।

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