कोरोना की भयावह दूसरी लहर के बीच लोग जल्द से जल्द टीका लगवा लेना चाहते हैं। लेकिन, टीके का उत्पादन कम है। देश में निर्मित दो टीके अभी लगाए जा रहे हैं, जबकि आयातित स्पूतनिक वी टीके को भी जल्द कार्यक्रम में शामिल करने के प्रयास किए जा रहे हैं। केंद्र सरकार ने टीकाकरण के लिए मिशन कोविड सुरक्षा शुरू किया है, जिसकी जिम्मेदारी संभाल रही हैं जैव प्रौद्यौगिकी विभाग की सचिव डॉ. रेनु स्वरूप। एक ई-मेल साक्षात्कार में टीकों की उपलब्धता बढ़ाने और नए टीकों को लेकर कई जानकारियां साझा कीं।
टीके का उत्पादन बढ़ाने के लिए और कंपनियों को मौका क्यों नहीं दिया जा रहा?
कोवैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्र के क्षमतावान टीका निर्माताओं की पहचान की गई है। अब भारत बायोटैक की तकनीक इन निर्माताओं को हस्तांतरित करने को लेकर बातचीत की प्रक्रिया चल रही है। जल्दी ही योग्य निर्माताओं को तकनीक दी जाएगी।
स्पूतनिक वी टीके को मंजूरी दी गई है। आयात शुरू हो गया है, लेकिन देश में इसका उत्पादन कब शुरू होगा?
टीका देश में पहुंचना शुरू हो चुका है। एक खेप आ चुकी है। जल्द ही इसे भी टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल कर लगाना शुरू किया जाएगा। इस महीने के अंत तक 30 लाख और स्पूतनिक टीके की खुराक भारत पहुंचेंगी। साथ ही देश में इस टीके का उत्पादन शुरू करने के लिए रेड्डी लेबोरेटरी के अलावा पांच अन्य कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। इनमें हेटेरो बॉयोफॉर्मा, विरचोव बॉयोटैक, स्टेलिस बॉयोफॉर्मा, ग्लैंड बॉयोफॉर्मा तथा पैनाशिया बॉयोटैक शामिल हैं। हमारी कोशिश है कि जुलाई से देश में निर्मित स्पूतनिक वी वैक्सीन मिलनी शुरू हो जाएगी।