बीकानेर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी के मामले में पुलिस की पूछताछ के चलते डॉक्टर भारी मानसिक तनाव में आ गए हैं। रविवार देर रात एक डॉक्टर को सदर थाने में ही अपने हाथ की नसें काट ली। एक प्राइवेट हॉस्पिटल में काम कर ने वाले इस डॉक्टर का नाम एक स्टॉकिस्ट ने बिल में लिखा हुआ है। ऐसे मे पुलिस कन्फर्म करना चाह रही थी कि उन्होंने इंजेक्शन खरीदा या नहीं।
रविवार रात जीवन रक्षा अस्पताल के स्टॉफ को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। डॉक्टर धनपत डागा भी इसी अस्पताल में हॉस्पिटल में काम करते हैं। एक स्टॉकिस्ट ने डॉ. डागा के नाम से बिल काटे हुए हैं। इन्हीं बिलों के बारे में पूछताछ करने के लिए पुलिस ने उन्हें बुलाया था। जब वो अपना बयान देने पहुंचे तो जांच अधिकारी किसी अन्य से पूछताछ कर रहे थे, ऐसे में डॉ. डागा को बाहर इंतजार करने के लिए कहा गया। वो अपनी कार में चले गए। कुछ देर बाद उन्होंने तनाव में आकर अपने हाथ की नसें काट ली। पुलिस को पता चलते ही उन्हें तुरंत पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर ले जाया गया। यहां भी डॉक्टर डागा तनाव में ही नजर आये। घटना की जानकारी मिलने पर देर रात पीबीएम अस्पताल के ट्रोमा सेंटर पर डागा के साथी डॉक्टर्स एकत्र हो गए। डॉक्टर्स एसोसिएशन के कई पदाधिकारी भी वहां पहुंचे। अब डॉ. डागा की स्थिति पहले से बेहतर बताई जा रही है। उधर, सदर थानाधिकारी सत्यनारायण गोदारा ने बताया कि पूछताछ के लिए अस्पताल के स्टॉफ को बुलाया गया था, अकेले डागा को नहीं बुलाया गया।