पीबीएम एवं लालगढ़ चिकित्सालय में मिलेगी मरीजों को राहत,राजस्थान फाऊण्डेशन से बीकानेर को मिले 45 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर,कला एवं संस्कृति मंत्री ने किया ऑनलाइन चिल्ड्रेन्स थिएटर वर्कशाप का उद्घाटन

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बीकानेर बुलेटिन





जलदाय मंत्री के प्रयासों से राजस्थान फाऊण्डेशन से बीकानेर को मिले 45 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर



बीकानेर, 21 मई। जलदाय एवं ऊर्जा मंत्री डॉ. बी. डी. कल्ला की प्रेरणा और प्रयासों से राजस्थान फाऊण्डेशन ने बीकानेर में कोरोना मरीजों के उपचार के लिए 45 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर प्रदान किए हैं। डॉ. कल्ला ने बताया कि इनमें से पीबीएम चिकित्सालय में 40 तथा लालगढ़ के चिकित्सालय में 5 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर काम में लिए जाएंगे। डॉ. कल्ला ने बताया कि उन्होंने चिकित्सा एवं वित्त विभाग में भी बीकानेर के लिए अधिक आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराने के बारे में बात की है, आने वाले दिनों में बीकानेर में और आक्सीजन कंसंट्रेटर उपलब्ध कराए जाएंगे। 

जलदाय मंत्री डॉ. कल्ला ने बताया कि बीकानेर के पीबीएम चिकित्सालय में 400 बैड्स के लिए बड़ा आक्सीजन संयंत्र लगाने के लिए भी उनकी नगरीय विकास मंत्री श्री शांति धारीवाल से बात हुई, यह संयत्र आगामी दो माह में स्थापित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बीकानेर जिले में कोरोना मरीजों के सुचारू ईलाज और देखभाल के लिए राज्य सरकार द्वारा निरंतर संसाधनों में वृद्धि की जा रही है। बीकानेर के चिकित्सालयों में ऑक्सीजन सहित आवश्यक दवाओं और इंजैक्शन की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सुनिश्चित की जा रही है। सम्भाग के सबसे बड़े पीबीएम चिकित्सालय में वेंटिलेटर्स एवं ऑक्सीजन बैड्स की संख्या में भी लगातार वृद्धि की गई है। उन्होंने कहा कि बीकानेर में चिकित्सा सुविधाओं के विस्तार की दृष्टि से आने वाले दिनों में ऑक्सीजन संयंत्र स्थापित करने से लेकर संक्रामक रोगों के लिए अलग से अस्पताल बनाने की दिशा में भी प्रयास लगातार जारी हैं। 

मनुष्य के सर्वागीण विकास में कला, साहित्य और संस्कृति का महत्वपूर्ण योगदान - डाॅ. बी.डी. कल्ला


कला व संस्कृति मंत्री डाॅ. बी.डी. कल्ला ने कहा कि संगीत, साहित्य और कला के बिना मनुष्य जीवन अधूरा है। नाट्य विधा हमारे जीवन का अभिन्न अंग है जो हमारी परम्पराओं से जुड़ा है।
डाॅ. कल्ला शुक्रवार को राजस्थान ललित कला अकादमी तथा क्यूरियो संस्था के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दस दिवसीय आॅनलाईन चिल्ड्रन्स थिएटर वर्कशॉप ‘कोलाज आॅफ किलकारी’ के उद्घाटन सत्र को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में बच्चों को कला, संस्कृति और थियेटर की गतिविधियों से जोड़े रखने के इस प्रयास के सकारात्मक परिणाम आएंगे। इस वर्कशॉप के माध्यम से बच्चे घर बैठे रंगमच की बारीकियां सीख सकेंगे और अच्छे कलाकार के रूप में उभरेंगे। 

डॉ. कल्ला ने कहा कि संस्था द्वारा पिछले 14 वर्षों से यह प्रशिक्षण आयोजित किया जा रहा है। कोरोना संक्रमण की प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद आॅनलाईन माध्यम से इसे आयोजित किया जा रहा  है, यह सराहनीय हैै। उन्होंने विश्वास जताया कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से बच्चों को नई चीजें सीखने का अवसर मिलेगा, यह नाट्य कार्यशाला बच्चों की क्रिएटिविटी बढ़ाएगी। 

उन्होंने कहा कि आज करियर के क्षेत्र में नाट्य और रंगमंच की भूमिका भी महत्त्वपूर्ण हो गई है। इसके मद्देनजर भी युवा इससे जुड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न कलाओं के विकास के लिए सरकार भी कृत संकल्प है। 

राजस्थान ललित कला अकादमी के डाॅ. रजनीश हर्ष ने बताया कि दस दिवसीय कार्यशाला के दौरान सिने कलाकार रघुवीर यादव और हिमानी शिवपुरी सहित राजस्थान के वरिष्ठ रंगकर्मी बच्चों को घर बैठे रंगकर्म की बारीकियां सिखाएंगे। इस दौरान प्रदशर्नी अधिकारी विनय शर्मा, क्यूरियो संस्थान के गगन मिश्रा भी ऑनलाइन माध्यम पर मौजूद रहे।

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