सोशल नेटवर्किंग साइट व्हाट्सएप ने अपनी प्राइवेसी पॉलिसी की डेडलाइन में कोई बदलाव नहीं किया है। कंपनी ने दिल्ली में कहा है कि यूजर्स को हम 15 मई से अधिक की मोहलत नहीं दे रहे हैं, इसलिए जिस किसी ने प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार नहीं किया है, अब उनके अकाउंट को हम डिलीट करना शुरू करेंगे। हाईकोर्ट में कंपनी की पैरवी कर रहे वकील कपिल सिब्बल का कहना है कि यूजर्स से प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने के लिए कहा जा रहा है। यही नहीं जो यूजर इस पॉलिसी को स्वीकार नहीं करेंगे, उनके अकाउंट्स को धीरे-धीरे डिलीट कर दिया जाएगा। कपिल सिब्बल ने बताया, ‘हमने यूजर्स से पॉलिसी को लेकर सहमत होने का आग्रह किया है। यदि वे सहमत नहीं होंगे तो हम उन्हें डिलीट कर देंगे.., इस पॉलिसी को स्थगित करने का कोई प्रस्ताव नहीं है।’
जनवरी में आई थी कंपनी की ये पॉलिसी
आपको बता दें कि कंपनी की इस पॉलिसी को लेकर अब विवाद खड़ा हो गया है। कपिल सिब्बल का कहना है कि जो प्राइवेसी पॉलिसी से सहमत नहीं है और उसे स्वीकार नहीं करना चाहता है तो हम ऐसे यूजर्स के अकाउंट को डिलीट कर रहे हैं। सिब्बल ने कहा कि कंपनी ने पॉलिसी को स्थगित नहीं किया है। आपको बता दें कि वॉट्सएप की तरफ से प्राइवेसी पॉलिसी का जो नोटिफिकेशन जारी किया जा रहा था, उसमें 15 मई तक की डेडलाइन थी। बता दें कि इस पॉलिसी को सबसे पहले जनवरी में जारी किया गया था, जिसकी डेडलाइन को फरवरी तक बढ़ाया गया था और बाद में फिर मई तक के लिए स्थगित कर दिया था।
क्या है कंपनी की नई पॉलिसी में ?
कंपनी की नई पॉलिसी के मुताबिक वॉट्सऐप को यह अधिकार होगा कि वह यूजर्स के इंटरेक्शन से जुड़ा कुछ डाटा पैरेंट कंपनी फेसबुक से साझा कर सके। इसी को लेकर यूजर्स को कंपनी प्राइवेसी पॉलिसी को स्वीकार करने का नोटिफिकेशन भेज रही है, जिसे स्वीकार करने पर ही आपका वॉट्सऐप आगे जारी रहेगा। इस मामले को लेकर हाईकोर्ट में सुनवाई चल रही है, जो फिलहाल 3 जून तक के लिए टाल दी गई है। अडिशनल सॉलिसिटर जनरल चेतन शर्मा और याचिकाकर्ताओं की ओर से यथास्थिति की मांग की गई थी। इसके बाद अदालत ने मामले की सुनवाई को टालने का फैसला लिया। हालांकि कंपनी ने सुनवाई के दौरान इस पॉलिसी पर स्टे लगाने का विरोध किया।