कोरोना के बढ़ते कहर व वीकेंड लॉकडाडन की घोषणा के साथ ही जिले में पान मसाला व जर्दे की कालाबाजारी शुरू हो गई है। हॉलसेल व्यापारियों ने कई पान मसालों व जर्दो की अचानक कीमतें बढ़ा दी तो कुछ को बेचना ही बंद कर दिया। जिसका असर खुदरा व्यापार पर भी दिख रहा है। उन्होंने भी उसी के हिसाब से अपनी दरें बढ़ा दी है। इधर, ग्राहकों ने भी पान मसालों व जर्दों पर प्रतिबंध की आशंका से इधर- उधर की दुकानों से उनका स्टॉक शुरू कर दिया है।
20 रुपए में 3 पाउच
जानकारी के अनुसार जिले के हॉलसेल व्यापारियों ने ज्यादा बिकने वाले कुछ पान मसाला व उनके साथ के जर्दे का स्टॉक कर उन्हें बेचना बंद कर दिया है। जबकि कुछ पान मसाला के पैकेट में 30 से 40 रुपए ज्यादा लेना शुरू कर दिया है। जिसके चलते खुदरा व्यापारियों ने भी इनकी दरें बढ़ा दी है। दुकानों पर पांच रुपए बिक्री के पान मसाला व जर्दे की कीमत 15 रुपए में दो तो कहीं 20 रुपए में 3 पाउच कर दी गई है। इसी तरह 10 रुपये की खैनी के भी दुकानदारोंं ने 12 से 15 रुपए वसूलना शुरू कर दिया है।
अफवाहों ने बढ़ाई कीमतें
पान मसालों व जर्दों की कालाबाजारी की वजह फिर से सम्पूर्ण लॉकडाउन की आशंका व इनकी फेक्ट्रियों में मजदूरों की कमी बताई जा रही है। दरअसल नाइट कफ्र्यू व वीकेंड लॉकडाउन के बाद सरकार का अगला कदम सम्पूर्ण लॉकडाउन होने की अफवाहों ने जोर पकडऩा शुरू कर दिया है। जिससे व्यापारियों को फिर से पिछले लॉकडाउन की तरह पान मसालों व जर्दो की कालाबाजारी से भारी व्यापार की उम्मीद है। लिहाजा उन्होंने इनका स्टॉक शुरू कर दिया है। दूसरी वजह लॉकडाउन के डर से मजदूरों का फिर से शुरू हुआ पलायन भी बताया जा रहा है। जिसकी वजह से पान मसाल की फेक्ट्रियों में मजदूरों की कमी होने से माल की सप्लाई फेक्ट्री से ही कम होना बताया जा रहा है।