बीकानेर, 5 मार्च। सतत पशुचिकित्सा शिक्षा के अनर्तगत राजस्थान पशुचिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय ने वेटस, पैरावेटस, प्रयोगशाला सहायकों व तकनीकी सहायकों के लिए बायोमेडिकल वेस्ट के उचित प्रबंधन व निस्तारण पर ई-सर्टिफिकेट पाठयक्रम 3 से 5 मार्च को आयोजित किया गया। इस ऑनलाइन पाठयक्रम में 93 प्रतिभागियों ने शिरकत की। वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. विष्णु शर्मा ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा फील्ड में कार्यरत पशुचिकित्सकों, पेरावेटस व अन्य कार्मिकों के लिए ऑनलाइन पाठयक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। इसमें रिमोट क्षेत्रों में कार्यरत कार्मिक भी शामिल होकर अपने ज्ञान व कौशल में अभिवृद्धि कर रहे हैं।
बायोमेडिकल वेस्ट एक गम्भीर समस्या है जिसके उचित निस्तारण में आमजन का स्वास्थ्य व पर्यावरण सुरक्षा निहित है। प्रो. त्रिभुवन शर्मा, निदेशक मानव संसाधन विकास निदेशालय, राजुवास ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा अब तक अनेक विषयों पर ऑनलाइन पाठयक्रम आयोजित किये गए हैं। जिनमें प्रतिभागी बढ़-चढ़ कर भाग ले रहे हैं तथा और भी अन्य विषयों पर पाठयक्रम आयोजित किये जायेंगे। पाठयक्रम के समन्वयक डॉ. रजनी जोशी ने बताया कि प्रतिभागियों को बायोमेडिकल वेस्ट के उचित प्रबंधन व उचित निस्तारण पर विस्तृत जानकारी दी गई। इस पाठयक्रम में वेटस-पेरावेटस, तकनीकी सहायक व प्रयोगशाला सहायकों ने भाग लिया। ई-सर्टिफिकेट पाठयक्रम में डॉ. भागीरथ बिश्नोई, एसोसिएट प्रोफेसर, मेडिकल कॉलेज, बीकानेर, डॉ. दीपिका गोकलानी, डॉ. मनोहर सेन ने भी विभिन्न विषयों पर व्याख्यान प्रस्तुत किये। प्रशिक्षण के समापन पर प्रशिक्षणार्थियों को ई-सर्टिफिकेट प्रदान किये जायेंगे।