क्या किसान आंदोलन में मारे गए लोगों के परिवारों मुआवजा मिलेगा?

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बीकानेर बुलेटिन



नई दिल्ली: केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन का आज 70वां दिन है. किसान आंदोलन के समाधान के लिए सरकार और किसान संगठनों के बातचीत को लेकर तस्वीर धुंधली है. वहीं दिल्ली की तीन सीमाओं पर जहां किसानों का आंदोलन चल रहा है वहां पुलिस की सख्ती बढ़ाई जा रही है. इस बीच किसान आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों को लेकर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बड़ा बयान दिया है. कृषि मंत्री ने कहा है कि प्रदर्शन के दौरान मारे किसानों के परिवार वालों को मुआवजा देने का कोई विचार नहीं है.


कृषि मंत्री ने यह बात लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कही. कृषि मंत्री से पूछा गया था कि क्या सरकार का विचार उन किसानों के परिवारों को मुआवजा देने का है जिनकी उक्त प्रदर्शन के दौरान मृत्यु हो गई तथा यदि हा, तो तत्संबंधी व्यौरा क्या है? इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने सीधा जवाब दिया कि जी नहीं.



इसके साथ ही कृषि मंत्री से पूछा गया कि क्या सरकार ने प्रदर्शन कर रहे किसानों के साथ कोई वार्ता शुरू की है तथा किसान के साथ की गई बैठकों की संख्या और ब्यौरा क्या है तथा समाधन के प्रयासों के क्या निष्कर्ष रहे हैं?


इस सवाल के जवाब में कृषि मंत्री ने कहा, ''जी, हां. मुद्दों के समाधान के लिए सरकार और आंदोलनकारी किसानों की यूनियनों के बीच अब तक 11 दौर की बैठकें हो चुकी हैं. सरकार ने कृषि कानूनों में संशोधन के लिए एक के बाद एक प्रस्ताव रखे. आंदोलनकारी किसान यूनियनों की मांगें तीन कृषि अधिनियमों अर्थात "कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम 2020, "कृषक (सशक्तिकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम, 2020" और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020", से संबंधित थीं.



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