राजस्थान के दो दिन के दौरे पर पहुंचे राहुल ने शुक्रवार को पीलीबंगा में किसान महापंचायत की। मंच पर सोफे-कुर्सियों की जगह खाट लगवाई। जब भाषण शुरू किया तो उन्होंने कृषि कानूनों से जुड़ी ज्यादातर वही बातें कहीं, जो एक दिन पहले लोकसभा में कही थीं। राहुल गांधी के संबोधन के लिए बने मंच पर खाट रखे गए थे. वहीं, मंच पर जिस खाट पर सचिन पायलट बैठे थे, वह अचानक टूट गई. कुछ नए आरोप भी लगाए। उन्होंने कहा कि अगर तीन कृषि कानून लागू हुए तो देश के 40% लोग बेरोजगार हो जाएंगे।
23 मिनट के भाषण में राहुल ने 7 बार किसानों के साथ-साथ मजदूरों, छोटे दुकानदारों का भी नाम लिया। 12 बार प्रधानमंत्री मोदी का जिक्र किया। पढ़ें, उनके भाषण की बातें...
कृषि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस
‘‘कल मैंने पार्लियामेंट में किसानों के मुद्दे पर भाषण दिया था। नरेंद्र मोदी के लाए तीन कानूनों के लक्ष्य और इसके पीछे की सोच मैंने समझाई। आज भी मैं आपको इन तीन कानूनों के लक्ष्य और सोच के बारे में समझाना चाहता हूं। सच्चाई ये है कि कृषि सिर्फ हिंदुस्तान का ही नहीं, दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है। आज इस बिजनेस को कोई एक व्यक्ति नहीं चलाता। हिंदुस्तान की 40% जनता इस बिजनेस की भागीदार है। करोड़ों लोग इस धंधे को हिंदुस्तान के लिए चलाते हैं। इनमें किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, व्यापारी, आढ़तिए शामिल हैं।’’
कांग्रेस अमूल लेकर आई, यह लाखों किसानों की कंपनी है
‘‘कांग्रेस पार्टी की कोशिश रही है कि इस धंधे को किसी एक व्यक्ति के हाथ में न जाने दें। आजादी के दिन से आज तक ये हमारा लक्ष्य रहा है कि ये जो धंधा है, ये हिंदुस्तान के 40% लोगों का धंधा ही रहे। उदाहरण आपको दिखते हैं। अमूल कंपनी है। कांग्रेस पार्टी लाई थी। लाखों किसानों की कंपनी है। पूरे देश में दूध डिलीवर करती है।’’
पहला कानून मंडी खत्म करेगा, दूसरा जमाखोरी बढ़ाएगा और तीसरा इंसाफ नहीं लेने देगा
‘‘अब बात करते हैं तीन कानूनों की। ये क्या हैं? ये आपको मीडिया में सुनाई नहीं देगा, क्योंकि जो लोग किसानों, मजदूरों, छोटे व्यापारियों से उनका धंधा छीनना चाहते हैं, मीडिया उन्हीं का है।’’
‘‘पहला कानून कहता है कि कोई भी बड़ा बिजनेस देश में कहीं भी किसी भी किसान से अनलिमिटेड अनाज खरीद सकता है। अगर एक व्यक्ति पूरे देश का अनाज, सब्जी खरीदना चाहे तो खरीद सकता है। मुझे बताइए कि अगर ऐसा है तो मंडी की क्या जरूरत? पहला कानून मंडी को खत्म करने का कानून है।’’
‘‘दूसरा कानून कहता है कि कोई भी उद्योगपति कितनी भी सब्जी, कितना भी अनाज, कितना भी फल कितनी भी देर के लिए स्टोर कर सकता है। आज अनाज मंडी में बिकता है। जैसे ही यह दूसरा कानून लागू होगा, हिंदुस्तान में अनलिमिटेड, बेलगाम जमाखोरी चालू हो जाएगी। हिंदुस्तान के सबसे अमीर अरबपति लोग यह करेंगे। तब क्या होगा? किसान माल बेचने जाएगा। उसके सामने छोटा व्यापारी नहीं होगा, मंडी नहीं होगा। हिंदुस्तान के सबसे अमीर उद्योगपति उसके सामने खड़े होंगे।’’
‘‘तीसरा कानून कहता है कि जब हिंदुस्तान का किसान उस उद्योगपति के सामने खड़ा होगा, जब वह अपनी उपज के लिए दाम मांगेगा तो वह अदालत में नहीं जा सकेगा। इस तरह पहला कानून मंडी को मारने का, दूसरा कानून एसेंशियल कमोडिटीज एक्ट को खत्म करने और जमाखोरी चालू करने का और तीसरा कानून न्याय से दूर रखने का है।’’
हिंदुस्तान के 40% लोग बेरोजगार हो जाएंगे
‘‘एक बात समझिए कि ये सिर्फ किसानों पर आक्रमण नहीं है। ये हिंदुस्तान की 40% जनता पर आक्रमण है। किसान सबसे जागरुक है, उसे यह बात पहले समझ आ गई। किसान ने अंधेरे में टॉर्च लगा रखी है, उसे भविष्य दिख रहा है। अगर ये तीन कानून लागू हो गए, किसान तो गया। उसकी जमीन गई। उसके साथ-साथ छोटा दुकानदार भी गया। व्यापारी-मजदूर भी गया। हिंदुस्तान के 40% लोग बेरोजगार हो जाएंगे। मोदी जी कहते हैं कि ये हमने किसानों के लिए किया। अगर ये किसानों के लिए है तो पूरे देश का किसान दुखी क्यों है। दिल्ली की बॉर्डर पर लाखों किसान क्यों खड़े हैं? 200 किसान शहीद क्यों हुए?’’
‘‘ये सब 4 लोगों के लिए हो रहा है। ये जो 40% लोगों का धंधा है, इसमें किसान, मजदूर, छोटे दुकानदार, मंडी में काम करने वाले शामिल हैं। पहला आक्रमण इन पर नोटबंदी के वक्त हुआ था। गरीबों के घर से पैसा निकाला। मैंने उस समय कहा था कि ये कालेधन के खिलाफ लड़ाई नहीं है। हिंदुस्तान की रीढ़ की हड्डी को तोड़ा जा रहा है। GST ने भी छोटे दुकानदारों को खत्म कर दिया। नरेंद्र मोदी जी अपने मित्रों के लिए रास्ता साफ करना चाहते हैं। आज तक छोटे दुकानदारों को GST आज तक नहीं समझ आया।’’
‘‘फिर कोरोना आता है। नरेंद्र मोदी बिना कोई इशारे के लॉकडाउन लगा देते हैं। हिंदुस्तान के मजदूर घर की ओर जाते हैं। नरेंद्र मोदी ने बिना कोई इशारे लॉकडाउन लगा दिया। वे हाथ जोड़कर बस-रेल का टिकट मांगते हैं। प्रधानमंत्री कहते हैं कि मैं नहीं देने वाला। वे भूखे मर गए। फिर उसी समय 1.50 लाख करोड़ रुपए का कर्जा माफ कर दिया गया। इस देश में रोजगार कौन देता है? दो-तीन उद्योगपति नहीं देते, किसान, छोटा दुकानदार, व्यापारी देता है। उन्हें आपने जान से मार दिया।’’
मोदी पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं
‘‘बेरोजगारी फैलती जा रही है। नरेंद्र मोदी हर रोज कोई न कोई नया बहाना बनाते हैं। पता नहीं क्या-क्या बोलते हैं। आपने संसद में प्रधानमंत्री का चेहरा देखा होगा। कहते हैं कि हम किसानों से बात करना चाहते हैं। बात किस बात की? इस कानून को आप खत्म कीजिए, किसान आपसे बात करने को तैयार है। हम किसान, मजदूर, छोटे व्यापारियों के साथ खड़े होकर इस कानून को लागू नहीं होने देंगे। रद्द करके ही दम लेंगे।’’
मोदी जी ने हिंदुस्तान की पवित्र जमीन चीन को दे दी
‘‘चीन हिंदुस्तान की जमीन पर आया। हजारों किलोमीटर जमीन चीन की सेना ने हिंदुस्तान से छीन ली। हमारे जवानों को शहीद किया और कल लोकसभा-राज्यसभा में रक्षा मंत्री कहते हैं कि समझौता हो गया। समझौता किस बात का? मोदी जी की सरकार ने हिंदुस्तान की पवित्र जमीन चीन को पकड़ा दी। पैंगॉन्ग लेक में हिंदुस्तान का पोस्ट फिंगर-4 पर होता था। चीन ने अपनी सेना को अंदर डाला। समझौते में कहा गया है कि हम अब फिंगर-3 पर अपना पोस्ट लगाएंगे। फिंगर-3 और फिंगर-4 के बीच की हिंदुस्तान की पवित्र जमीन मोदी जी ने चीन को दे दी है।’’
‘‘वे चीन के सामने नहीं खड़े हो पाएंगे, किसानों को धमकी देंगे। वे किसानों को मारेंगे, पीटेंगे, दीवार बनाएंगे। ये नरेंद्र मोदी जी की सच्चाई है। बस एक गलतफहमी है नरेंद्र मोदी को। वे हिंदुस्तान के किसानों, मजदूरों की शक्ति नहीं जानते। समझ ही नहीं है उन्हें। किसान, मजदूर, छोटे व्यापारी अब उन्हें अपनी शक्ति दिखाने जा रहा है।’’