आमतौर पर शरीर पर चोट का निशान इंसान की पहचान का आधार बन जाता है लेकिन कई बार ऐसे निशान उसके अनुचित कार्यों में गिरफ्तारी का माध्यम भी बन सकता है। बीकानेर की नोखा पुलिस ने बिश्नोई समाज के सबसे बड़े तीर्थ स्थल मुकाम में चोरी करने वाले गिरोह को धर दबोचा है। इस गिरोह के एक साथी का हाथ कटा हुआ था, इसी सूचना के आधार पर पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार किया बल्कि राज्यभर में हुई करीब एक दर्जन चोरियों का पर्दाफाश कर दिया है। खास बात यह है कि यह चोर मंदिरों में चोरी करने का ही शौकीन था।
दरअसल, नोखा में चोरी के बाद पुलिस ने आसपास के सीसीटीवी कैमरों को खंगाला। धाम में लगे कैमरे में एक चोर ने कंबल ओढ रखी थी। गौर से देखने पर लगा कि उसके हाथ में कोई समस्या है। पुलिस ने मंदिर से बाहर लगे सीसीटीवी कैमरों का भी पता किया। इस पर साफ हो गया कि एक चोर का हाथ कटा हुआ है। फिर ऐसे चोरों का पता लगाया गया जिनका हाथ कटा हुआ। खबरी ने बताया कि एक चोर महेंद्र उर्फ डूंगर है जो मंदिरों में ही चोरियां करता है और उसका हाथ कटा हुआ है। पुलिस ने महेंद्र का पीछा किया। इधर-उधर दबिश देते हुए जोधपुर में पिछले दिनों उसे दबोच ही लिया। महेंद्र खुद नागौर के खींवसर का रहने वाला है। सख्ती से पूछताछ करने पर उसने अपने सभी साथियों के नाम पते बता दिए। इसके बाद दो और युवकों को गिरफ्तार किया गया। इनमें एक शंकर गिरी निवासी बिरावा जालौर, दूसरा सुभाष नायक निवासी खींवसर नागौर शामिल है। अभी दो और युवक फरार है। इन तीन की गिरफ्तारी होते ही उनको पता चल गया। अभी एक टीम इन दो की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही है।
इन चाेरियों का हुआ पर्दाफाश
1. जोधपुर ग्रामीण पुलिस के मातोड़ा थाना क्षेत्र में भोमिया जी के मंदिर से चांदी के छत्तर आदि चोरी की।
2. नागौर के खींवसर गांव के पास स्थित बूढ़ी माता के मंदिर से चांदी के छत्तर चोरी किए।
3. नागौर के श्रीबालाजी थाना क्षेत्र के मंटिलासर स्थित गांव में भी चोरी की थी।
4. बीकानेर के पलाना गांव में सती मंदिर में भी इन लोगों ने ही चोरी की थी।
5. नोखा के टांट गांव में और स्वरूपदेसर गांव में मंदिर के गले से नगदी, छत्तर आदि सामान चोरी में भी इनका हाथ था।
6. बाडमेर के धोरीमना के बोर गांव में माताजी के मंदिर में छत्तर चोरी किया।
7. बाडमेर के गुड़ामलानी में रामजी की गोल में माताजी के मंदिर से छत्तर चोरी करने में इस गिरोह की भूमिका थी।
8. बीकानेर के कतरियासर गांव में जसनाथ जी के मंदिर से छत्तर आदि चोरी करने में भी यही गिरोह था।
ऐसे करते थे चोरी
मोटाराम नायक, डूंगर उर्फ महेंद्र नायक, राजू उर्फ राजिया नायक, शंकर गिरी व सुभाष नायक एक साथ मंदिरों के आसपास पहुंचते। यह पता करते कि वहां छत्तर तक पहुंचने का रास्ता क्या है? कब सूनसान रहता है। फिर इनमें दो लोग छत्तर उतारने का काम करते और बाकी इधर उधर रखा अन्य सामान ले जाते थे।
जांभोजी का छत्तर उतारने की काेशिश
इन लोगों ने जांभाेजी के धाम से भी भारी भरकम छत्तर उतारने की कोशिश में मुख्य दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया। हालांकि इनसे मुख्य दरवाजा ही नहीं खुला। ऐसे में दान पात्र में रखे करीब डेढ़् लाख रुपए लेकर चले गए।
गिरफ्तारी में इनकी रही मुख्य भूमिका
प्रशिक्षु आरपीएस प्रेमकुमार, उप निरीक्षक जगदीश सिंह, उप निरीक्षक सुमन परिहार, हैड कांस्टेबल रामेश्वर लाल, श्रवण कुमार, कांस्टेबल नरेंद्र सिंह, रामस्वरूप, देवराम, कैलाश और हेम सिंह की मुख्य भूमिका रही।
बिश्नोई समाज ने जताया आभार
उधर, अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अशोक धारणिया ने पुलिस अधीक्षक प्रीति चंद्रा का आभार जताया है। डॉ. धारणिया ने बताया कि पुलिस ने बहुत जल्दी और योजनाबद्ध तरीके से जांभोजी के साथ ही अन्य मंदिरों की चोरियां भी पकड़ ली।