बीकानेर जिला उद्योग संघ ने नई सोलर पोलिसी के विरोध में भिजवाई आपत्ति
सोलर बिजली 3.14 रु. प्रति यूनिट में उद्यमियों से खरीदकर वापस 8 रूपये में उनको बेचेगी सरकार
बीकानेर जिला उद्योग संघ के अध्यक्ष द्वारकाप्रसाद पचीसिया एवं विद्युतीय सलाहकार एम एस फगेडिया ने उद्योगों के पलायन व उद्योगों के भविष्य के साथ होने वाले कुठाराघात रोकने हेतु आयोग द्वारा नई सोलर पोलिसी के प्रावधानों को रोकने बाबत पत्र राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग के अध्यक्ष को भिजवाया | पत्र में बताया गया कि वर्तमान में पूरा देश कोरोना महामारी के दुष्प्रभाव से पीड़ित है जिसमें इस महामारी का सबसे ज्यादा असर उद्योग धंधों पर पड़ा है | जहां राज्य सरकार द्वारा एक और उद्योगों को पुनः जीवित करने हेतु नयी उद्योग नीति एवं सोलर नीति जारी की गई है और पूरे राजस्थान में ज्यादा से ज्यादा सोलर क्षेत्र को बढावा देने हेतु प्रचार किया जा रहा है और जब राज्य के व्यापारी/उद्यमी सोलर ऊर्जा के प्रति अपने रुझान बढाने एवं अधिकाधिक सोलर ऊर्जा से बिजली उत्पन्न कर विद्युत खर्च को कम कर अपने उत्पादन की लागत कम करने के प्रयास में है ऐसे में राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग नई सोलर पोलिसी में नेट मीटरिंग बंद कर ग्रोस मीटरिंग का प्रावधान लाकर उद्योगों की कमर तोड़ने की तैयारी कर रहा है | नई पोलिसी के अनुसार राजस्थान विद्युत विनियामक आयोग अब उद्यमी एवं व्यापारी से सोलर बिजली 3.14 रूपये प्रति यूनिट खरीदेगी और वापस उद्योगों को 8 रूपये यूनिट में बेचेगी | सरकार की इस पोलिसी से बिजली महंगी हो जायेगी और राजस्थान के उद्योगों का पलायन गुजरात और मध्यप्रदेश की और हो जाएगा क्योंकि सोलर नीति के तहत राजस्थान में फेक्ट्री केपेसिटी का 72 प्रतिशत ही सोलर ऊर्जा प्लांट लगा सकते हैं जबकि गुजरात में हाल ही में इसे बढाकर 100 प्रतिशत कर दिया गया है साथ ही सोलर प्लांट लगाने पर 5 प्रतिशत ब्याज अनुदान भी दिया जाता है लेकिन राजस्थान में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है | राज्य सरकार द्वारा 2019 की पोलिसी में सोलर प्लांट लगाने पर 7 साल इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी नहीं लेने की घोषणा भी की गई थी लेकिन राज्य सरकार अपने द्वारा की गई घोषणा से भी मुकर गई और 2020 से ही इलेक्ट्रीसिटी ड्यूटी 60 पैसा प्रति यूनिट वसूलना शुरू कर दिया |