कुलपति ने की अध्यक्षता, कृषि वैज्ञानिकों ने दिए अनेक सुझाव
बीकानेर, 28 दिसम्बर। स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय की प्रसार एवं अनुसंधान सलाहकार समितियों की मैराथन वर्चुअल बैठकें सोमवार को कुलपति प्रो. आर. पी. सिंह की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इनमें देश के विभिन्न क्षेत्रों के कृषि वैज्ञानिकों ने आॅनलाइन भागीदारी निभाई।
इस दौरान कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय के प्रसार एवं अनुसंधान निदेशालय कृषक कल्याण के लिए सतत प्रयासरत हैं। इन निदेशालयों ने गत वर्षों में अनेक नवाचार किए, जिनसे किसानों को प्रत्यक्ष लाभ मिला। उन्होंने कहा कि भविष्य में इन गतिविधियों में और अधिक गति लाई जाएगी। प्रसार एवं अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठकों में प्राप्त सुझावों को भी भावी गतिविधियों में शामिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा कोरोना संक्रमण की परिस्थितियों के दौरान पूर्ण जिम्मेदारी से कार्य किया गया तथा इस दौरान भी कृषि से जुड़ी गतिविधियों को जारी रखा गया।
कुलपति ने कहा कि प्रसार एवं अनुसंधान निदेशालय, विश्वविद्यालय के महत्वपूर्ण अंग हैं। विश्वविद्यालय की साख इन पर टिकी है। उन्होंने प्रसन्नता जताते हुए कहा कि दोनों निदेशालयों द्वारा सराहनीय कार्य हुए। अनुसंधान निदेशालय ने पिछले चाार वर्षों में बीजों की 15 उन्नत किस्में विकसित कीं। कृषि यंत्र एवं मशीनरी परीक्षण एवं प्रशिक्षण केन्द्र द्वारा आवेदन की आॅनलाइन प्रक्रिया प्रारम्भ की गई। विश्वविद्यालय ने पिछले पांच वर्षो में 20 हजार 709 क्विंटल उन्नत बीज तैयार किए। वहीं प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा इन तकनीकों को गांव-गांव तक पहुंचाने का कार्य किया गया। आज विश्वविद्यालय प्रभार क्षेत्र वाले अनेक प्रगतिशील किसान, नवाचार कर रहे हैं।
अनुसंधान निदेशक डाॅ. प्रकाश सिंह शेखावत ने अनुसंधान निदेशालय, डाॅ. एस. आर. यादव ने कृषि अनुसंधान केन्द्र बीकानेर तथा डाॅ. उम्मेद सिंह शेखावत ने कृषि अनुसंधान केन्द्र श्रीगंगानगर की गत पांच वर्षों की गतिविधियों के बारे में बताया। वहीं प्रसार शिक्षा निदेशक डाॅ. एस. के. शर्मा ने प्रसार शिक्षा निदेशालय द्वारा गत पांच वर्षों में किए गए कार्यों और भावी योजना की जानकारी दी। इसी प्रकार लूणकरणसर एवं झुंझुनूं कृषि विज्ञान केन्द्रों के प्रभारियों ने भी अपनी उपलब्धियां प्रस्तुत की।
अनुसंधान सलाहकार समिति की बैठक में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उपमहानिदेशक (उद्यानिकी) डाॅ. ए. के. सिंह, काजरी-जोधपुर के निदेशक डाॅ. ओ. पी. यादव, कोटा कृषि विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. जेड. एस. सोलंकी ने सुझाव दिए। वहीं प्रसार सलाहकार समिति की बैठक में नेशनल एकेडमी एग्रीकल्चरल साइसेंज के सचिव डाॅ. ए. के सिंह, अटारी-जोधपुर के निदेशक डाॅ. एस. के. सिंह, सरदार पटेल कृषि विश्वविद्यालय मेरठ के पूर्व प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ. ओ. पी. सिंह सहित प्रसार क्षेत्र के विशेषज्ञों ने अपनी बातें रखीं।