बीकानेर@ राजस्थानी भाषा को दुसरी राजभाषा बनाने, काॅलेज व्याख्याता भर्ती 2020 में राजस्थानी साहित्य विषय के पद विज्ञप्ति में शामिल करने, राजस्थानी साहित्य के नये पदों को सृजित करने सहित मांगों को लेकर राजस्थानी मोट्यार परिषद के प्रतिनिधियों ने बुधवार को सर्किट हाउस में भंवर सिंह भाटी उच्च शिक्षा मन्त्री से मुलाकात की।
मंत्री भाटी ने प्रतिनिधि मंडल को आश्वासन दिया कि इसी भर्ती में राजस्थानी भाषा के पद शामिल करने की कोशिश करेंगे। नहीं तो आगामी भर्ती में राजस्थानी के पदों पर भर्ती की जाएगी। जल्द ही काॅलेज व्याख्याता के ओर पदों पर भर्ती होनी है,जिसमें राजस्थानी साहित्य के भी पद होंगे।
प्रतिनिधि मंडल ने मंत्री भाटी को अवगत करवाया कि विगत 8 फरवरी को महारानी सुदर्शना महाविद्यालय, बीकानेर के प्रांगण में मंच से आपने घोषणा कि थीं कि आगामी सत्र में महारानी सुदर्शना महाविद्यालय में राजस्थानी साहित्य विषय शुरू किया जाएगा। लेकिन आज तक ना विभाग बना ना ही राजस्थानी साहित्य विषय के लिए फाॅर्म भरवाये गये। इस पर मंत्री भाटी ने बताया कि जल्द ही इस पर विभाग के अधिकारियों से बात करके राजस्थानी साहित्य विषय शुरू करवाया जाएगा। प्रतिनिधि मंडल ने ज्ञापन में बताया गया कि राजस्थान की मातृभाषा राजस्थानी, विश्व की समृद्धतम भाषाओं में से एक हैं। 02/11/2020 को कॉलेज व्याख्याता भर्ती 2020 का राज्य लोकसेवा आयोग- अजमेर द्वारा 918 पदो के लिए विज्ञप्ति जारी की है, इसमे राजस्थानी साहित्य के पद नही होने सें बेरोजगार युवाओ को गहरा धक्का लगा हैं।
प्रदेश में राजकीय डूंगर महाविद्यालय बीकानेर,सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय अजमेर,एस.एन.डी.बी, राजकीय महाविद्यालय नोहर हनुमानगढ़,राजकीय महाविद्यालय- शेरगढ़, जोधपुर सहित इन राजकीय महाविद्यालयो में राजस्थानी साहित्य विषय के व्याख्याता के पद रिक्त पड़े है, जिससे राजस्थानी के विद्यार्थीयों की पढा़ई बाधित हो रही हैं। 1992 की कॉलेज व्याख्याता भर्ती के बाद राजस्थानी साहित्य के व्याख्याता की भर्ती नही हुई हैं।
यह भेदभाव प्रदेश की मातृभाषा राजस्थानी के साथ क्यों हो रहा हैं। राजस्थानी भाषा से आज हजारो बेरोजगार जिन्होंने राजस्थानी भाषा से नेट/ पीएच. डी. कर रखी हैं। कॉलेज व्याख्याता भर्ती में पद नही होने के कारण भारी रोष है। प्रतिनिधि मंडल ने कहा कि जल्द ही इन समस्याओं का हल नही हुवा तो मजबूरन युवाओ को भूख हड़ताल, आमरण अनशन पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ेगा ।
ज्ञापन देने वाले प्रतिनिधि मंडल में बीकानेर संभाग महामंत्री सरजीत सिंह, बीकानेर परिषद उपाध्यक्ष मुकेश रामावत, महासचिव प्रशान्त जैन, सलाहकार भरतदान चारण, कोषाध्यक्ष राजेश चौधरी, शंकर दान चारण, रामसिंह, पंकज सहित मोट्यार परिषद के सदस्य मौजूद रहें।