बीकानेर@ जिले को तम्बाकू व धूम्रपान मुक्त करना ना केवल चिकित्सा, पुलिस व सहयोगी विभागों का काम है बल्कि ये एक बड़ी सामाजिक जिम्मेदारी भी है इसलिए पहले सभी थानों को तम्बाकू व धूम्रपान मुक्त आदर्श के रूप में विकसित किया जाएगा। ये कहना था जिला पुलिस अधीक्षक प्रह्लाद सिंह कृष्णईया का, वे सदर थाना सभागार में कोटपा एक्ट 2003 को लेकर आयोजित आमुखीकरण कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि एक्ट की समस्त धाराओं की अक्षरश: पालना करते हुए थानों में तम्बाकू उपयोग करने वालों पर सख्ती व प्राथमिकता के साथ कार्यवाई बढाई जाएगी। उन्होंने योजनाबद्ध कार्यवाही और समन्वित चालानिंग पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि कोटपा एक्ट का उल्लंघन कर रहे उत्पादों को जब्ती की कार्यवाही भी की जाए ताकि उत्पादकों तक नकेल कसी जा सके। डिप्टी सीएमएचओ डॉ योगेन्द्र तनेजा ने जानकारी दी कि धूम्रपान स्वास्थ्य के लिये हानिकारक तो है ही अपितु परोक्ष धूम्रपान से भी कैंसर, अस्थमा, स्ट्रोक आदि रोग होने की संभावना बढ़ जाती है और कोविड जैसे संक्रमण होने पर पहले से खराब फेफड़ों के चलते जीवन जोखिम की संभावना भी ज्यादा है।
इसे भावी पीढ़ी तक जाने से रोकना कोटपा एक्ट की सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिला तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ के महेंद्र जयसवाल ने कोटपा एक्ट की धारा 4, 5, 6 व 7 की विस्तृत जानकारी देते हुए लागू करने में पुलिस विभाग की अपेक्षित भूमिका रेखांकित की। कार्यशाला में समस्त वृताधिकारी व थाना प्रभारियों के साथ, चिकित्सा विभाग से एपिडेमोलोजिस्ट नीलम प्रताप सिंह, डॉ यश मुद्गल, सोशल वर्कर कमल नारायण पुरोहित, किशन गौड़, उमेश व्यास, संजय शर्मा, नंदलाल इंदौरा आदि मौजूद रहे।