राजस्थान विधानसभा से इस वक्त की बड़ी खबर, राइट टू हेल्थ बिल विधानसभा में पारित

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बीकानेर बुलेटिन



जयपुर: राजस्थान विधानसभा में राइट टू हेल्थ बिल पारित हुआ. राजस्थान स्वास्थ्य का अधिकार विधेयक 2022 पारित हुआ.  राइट टू हेल्थ बिल पर मंत्री परसादी लाल मीणा ने जवाब देते हुए कहा कि राइट टू हेल्थ बिल जनता के हित में है. 60 प्रतिशत बजट हमारा मेडिकल एंड हेल्थ में जा रहा है. 90 प्रतिशत परिवार जुड़े हुए हैं चिरंजीवी से. प्रवर समिति के प्रतिवेदन को स्वीकार करने की बात आसन से कही. राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इसमें मल्टीस्पेशलिटी 50 बेड के अस्पताल को शामिल किया जाए. डॉक्टरों ने आत्मदाह के लिए कहा है. जिनके लिए काम करना चाहते हैं. उन्हें विश्वास में ही नहीं लेकर आए आप लोग हम भी चाहते हैं बिल आये. इस प्रकार से यदि बिल आएगा तो क्या होगा. हमारा खुद का इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं है तो ऐसे में निजी चिकित्सालय पर यह बात लादी नहीं जाये. 50 बेड के मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल वाली बात को शामिल किया जाए. सिंगल विंडो रिड्रेसल सिस्टम किया जाए. परसादी लाल मीणा ने राजेंद्र राठौड़ को जवाब दिया. उन्होंने कहा कि हम 50 बेड वाली बात को शामिल करेंगे. निश्चित रूप से शामिल करेंगे.

मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि हमने तो कमेटियां बना दी है. अगर किसी की शिकायत है तो कमेटियां बनाई गई है. हम राइट टू हेल्थ में सभी की बात को शामिल कर रहे हैं. राइट टू हेल्थ आमजन का अधिकार है. मेरे पास कई बड़े-बड़े अस्पतालों की शिकायत आई है. यह बड़े-बड़े अस्पताल ही आंदोलन करवा रहे हैं. आप इनके बहकावे में मत आओ कई बड़े-बड़े हॉस्पिटल है करोड़ों के. अनेक हॉस्पिटल है जिन्हें सरकार ने रियायती दर पर जमीन दी है. आपकी सरकार ने भी दी है हमारी सरकार ने भी दी है. वह अस्पताल जनता के साथ चीटिंग करते हैं. एडवांस पैसा मांगते हैं चिरंजीवी कार्ड होने के बाद भी. 

मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि कई हॉस्पिटल है जो जनता के साथ चीटिंग करते हैं. हम उन पर कार्रवाई करेंगे. जिन्हें हमने कम कीमत पर जमीन दी है उन अस्पतालों को भी जोड़ेंगे. सरकार को डराने की कोशिश नहीं करें. डॉक्टर आंदोलन करिए कौन मना करता है? आपकी सब की समिति से सेलेक्ट कमेटी को भेजा गया था. फिर इसलिए बिल पास करवाना जनता के हित में है. हमारा तो इलाज हो जाएगा लेकिन गरीब का इलाज कौन करेगा?. मुख्यमंत्री गहलोत ने 500 वीसी ली. कोविड-19 होने के बाद भी वीसी ली है. मुख्यमंत्री गहलोत के मन में जनता का दर्द था. जनता का दर्द मिटाने के लिए ही हम राइट टू हेल्थ बिल लेकर आ रहे.

मंत्री परसादी लाल मीणा ने कहा कि हम बिल इसलिए लेकर आ रहे हैं कि किसी के पास चिरंजीवी कार्ड हो तो उसकी बात को माने. मुख्यमंत्री जी ने कह दिया है कि किसी के पास चिरंजीवी कार्ड नहीं है, तो कलेक्टर उसका कार्ड भी बनवाएगा और इलाज भी करवाएगा. हमारे चिरंजीवी योजना से जुड़े सभी अस्पताल शामिल रहेंगे. कई बार हमारे पास शिकायत आती है कि चिरंजीवी कार्ड होने के बाद भी इलाज नहीं किया जाता है कई बार. इसीलिए दिव्या मदेरणा धरने पर बैठी थी. कार्ड है तो ठीक है लेकिन कार्ड नहीं है तो कलेक्टर इलाज करवाएगा. इमरजेंसी भगवान राम पर आई थी. यदि इमरजेंसी में वैध नहीं मिलता तो लक्ष्मण के प्राण नहीं बचते.

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