माहवारी स्वच्छता प्रबंधन विषय पर दी गई जानकारी
बीकानेर, 6 अगस्त। ‘नो बैग डे’ के अवसर पर शनिवार को जिले के 2 हजार 564 स्कूलों में गुड टच बैड टच और माहवारी स्वच्छता प्रबंधन से संबंधित विभिन्न कार्यक्रम हुए। इस दौरान 2 लाख 42 हजार से अधिक विद्यार्थियों की भागीदारी रही। इन विद्यार्थियों को दोनों विषयों से जुड़ी फिल्में दिखाई गई। प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम हुए तथा अच्छे और बुरे स्पर्श में अंतर बताया गया।
जिला कलक्टर भगवती प्रसाद कलाल की पहल पर जुलाई के पहले शनिवार से प्रारम्भ हुए अभियान के तहत लगातार छठे सप्ताह दोनों विषयों के प्रति विद्यार्थियों को जागरुक किया गया। जिले के एक हजार मास्टर ट्रेनर्स ने बच्चों को दोनों विषयों की जानकारी दी। साथ ही चाइल्ड हैल्पलाइन 1098 के बारे में बताया। अभियान के तहत शनिवार को जिले के 782 निजी स्कूलों के 1 लाख 2 हजार 784 तथा 1 हजार 782 सरकारी स्कूलों के 1 लाख 40 हजार 48 विद्यार्थियों ने भागीदारी निभाई।
मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. राजकुमार शर्मा ने बताया कि इनमें बीकानेर के 239 निजी और 252 सरकारी, खाजूवाला के 52 निजी और 296 सरकारी, श्रीकोलायत के 91 निजी और 481 सरकारी, लूणकरणसर के 77 निजी और 238 सरकारी, नोखा के 73 निजी और 92 सरकारी, पांचू के 59 निजी और 236 सरकारी एवं श्रीडूंगरगढ़ के 191 निजी एवं 187 सरकारी विद्यालयों में कार्यक्रम आयोजित हुए।
पर्यवेक्षक ने तैयार करवाए सहजन के बारह सौ पौधे
जिले में चल रहे शक्ति अभियान के ‘एक पौधा सुपोषित बेटी के नाम’ घटक के तहत महिला अधिकारिता विभाग की श्रीडूंगरगढ़ में कार्यरत महिला पर्यवेक्षक माया बिश्नोई ने अपने स्तर पर सहजन फली के बारह सौ पौधे तैयार करवाए हैं। बिश्नोई ने बताया कि अभियान से प्रेरित होकर उन्होंने वन विभाग की नर्सरी को सहजन के बीज उपलब्ध करवाए तथा नर्सरी में इनका नियमित पर्यवेक्षण किया। उन्होंने साथिनों को भी इसके लिए प्रेरित किया। जिसकी बदौलत श्रीडूंगरगढ़ में सहजन फली के लगभग तीन हजार पौधे तैयार हो गए हैं। इन्हें नवजात बेटियों के परिजनों को नियमित रूप से भेंट किया जाएगा। महिला अधिकारिता विभाग की उपनिदेशक मेघा रतन ने बताया कि बिश्नोई को विभाग के जिला स्तरीय कार्यक्रम में सम्मानित किया जाएगा।