आज पुलिस महानिरीक्षक ओमप्रकाश ने कोटगेट थाने में प्रेसवार्ता कर बताया कि आईजीपी बीकानेर की टीम को करोड़ों रूपये गाडिय़ों में भरकर कोलकाता ले जाने की सूचना मिलने पर पुलिस अधीक्षक योगेश यादव, अति. पुलिस अधीक्षक अमित कुमार व नरेन्द्र कुमार पूनिया के नेतृत्व में भारतीय जाली नोटों के कुल 2 करोड़ 74 लाख रूपये बरामद कर 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर जाली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
थाने से महज 2KM की दूर स्थित एक मकान में पिछले एक साल से जाली करेंसी छापी जा रही है। फिर भी पुलिस को हवा नहीं लग रही थी। दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, सूरत, अहमदाबाद, चेन्नई, बेंगलुरु सहित देशभर के बड़े शहरों में करोड़ों रुपए के जाली नोट खपाए जा चुके हैं। ग्राम पंचायतों की मीटिंग के दौरान आसपास के इलाकों में जाली नोट छपने की चर्चा हुई तो 2 सिपाहियों के कान खड़े हुए। उन्होंने उच्चाधिकारियों को अवगत कराया। फिर बड़े अफसर हरकत में आए। शनिवार की शाम करीब साढ़े सात बजे छापेमारी कर मौके से 2 करोड़ 74 लाख जाली करेंसी जब्त की गई है। साथ ही, 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। मामला बीकानेर का है।
3 हो गए थे फरार
IG ओम प्रकाश पासवान ने कहा- पिछले कुछ दिनों से लूणकरनसर के दो सिपाहियों को ग्राम पंचायतों की मीटिंग के दौरान सूचना मिल रही थी कि नकली नोट छापने का काम हाे रहा है। इसकी पूरी छानबीन की गई। सूचना सही निकली। शनिवार शाम जयनारायण व्यास थाने से महज 2KM दूर वृंदावन एन्क्लेव में छापेमारी की गई। मकान नंबर 670 में पुलिस पहुंची तो होश उड़ गए। वहां नोट छापने की मशीनें लगी थीं। वहां से रविकांत जाखड़, नरेंद्र शर्मा उर्फ विक्की और मालचंद शर्मा को गिरफ्तार किया गया। मकान में रखे 2 करोड़ 74 लाख रुपए भी पुलिस ने जब्त कर लिए। पुलिस कार्रवाई से पहले चंपालाल शर्मा उर्फ नवीन सारस्वत, पूनमचंद शर्मा और राकेश सारस्वत फरार हो गए। रात करीब नौ बजे नोखा के पास से इनको गिरफ्तार किया गया। ये लोग बैंक चेक के बदले नकली नोट देने वाले थे।
देशभर में पहुंचे नकली नोट
बीकानेर में छापे गए ये नोट राजस्थान के अलावा नई दिल्ली, कोलकाता, मुंबई, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, पटना, गुवाहाटी, शिलॉन्ग, लुधियाना, चंडीगढ़, सूरत, अहमदाबाद, वृंदावन, बनारस, गाजियाबाद में हवाला कारोबारियों के माध्यम से नकली नोट पहुंचाए हैं। इन शहरों में कितने रुपए पहुंचे, इसका हिसाब अब तक नहीं मिल पाया है। इस कार्रवाई को अंजाम बीछवाल, जयनारायण व्यास कॉलोनी, नोखा, लूणकरणसर थाना पुलिस ने दिया है।
पहले भी नकली नोटों में लिप्त रहे आरोपी
इस पूरे गिरोह का सरगना चंपालाल शर्मा उर्फ नवीन बताया जा रहा है। नोटबंदी के दौरान नवीन से पांच करोड़ दस लाख रुपए बरामद हुए थे। मामला बीछवाल थाने (बीकानेर) में दर्ज है। चंपालाल के भाई विशाल की मंडी में आढ़त की दुकान है।
विक्की उर्फ नरेंद्र शर्मा के खिलाफ 2019 में पालनपुर पश्चिम गुजरात में मामला दर्ज है। तब उसने 43 लाख रुपए के नकली नोट छापे थे। वो इस मामले में गुजरात जेल में रह चुका है और 27 जुलाई को ही उसकी पेशी होने वाली है।
नकली नोट लेकर हवाला व्यापारियों को देने का काम दीपक रैगर के माध्यम से होता था। दीपक रैगर कौन है, इसको लेकर जानकारी जुटाई जा रही है। शनिवार को चंपालाल शर्मा की गैंग का एक सदस्य दिल्ली में नोट सप्लाई करने के लिए होटल में रुका हुआ था। कार्रवाई की भनक लगते ही वह फरार हो गया। बीकानेर IG ने हरियाणा के करनाल IG को सूचना दी है। कहा जा रहा है कि दीपक रैगर को करनाल पुलिस ने हिरासत में लिया है। जल्द ही उसे गिरफ्तार कर बीकानेर पुलिस यहां लाएगी।
इस सीरीज के फर्जी नोट बाजार में
इस सीरीज से जाली नोट बाजार में खपाए जा रहे हैं।
दो हजार के नोट - 8NA750831, 4LH269605, 4LH044149, 5AA807418, 7KM369289, 6GC313798, 2KB316978, 4BD189402, 5LE213589, 8FU151819, 2AU324384, 0CV804572, 1BM114532
500 के नोट - 2ML216390, 2BQ062586, 2TG253211, 1FE355905, 4UB132101, 2BF0272569, 1BQ910750, 1AU391896, 1BK037295
ऐसे की पुलिस ने कार्यवाही : लूणकरणसर थाने में पदस्थापित कानिस्टेबल जयप्रकाश व सचित्रवीर ने सबसे पहले यह जानकारी आईजीपी कार्यलय में पदस्थापित उप अधीक्षक नरेन्द्र कुमार पूनियां को दी कि दीपक मोची निवासी चौधरी कॉलोनी लूणकरणसर नकली नोटों का अवैध धन्धा कर रहा है। इस पर पुलिस ने भैष बदलकर इनके ठिकानों पर जाकर इनकी दैनिक गतिविधियों व इस गैंग के सदस्यों की पहचान की। इस गैंग का मुख्य सरगना चम्पालाल शर्मा उर्फ नवीन सारस्वत है।।
बरामदगी:- उक्त गिरफ्तार आरोपीगण द्वारा काम में ली जा रही एस कोस गाड़ी नम्बर आरजे 50 सीए 9008, आरजे,14 एलसी 3081 स्विफ्ट डिजायर, मारूती देलेनो आरजे 07 सीडी 0290 जप्त की गई व नकली मुद्रा तैयार करने के साधन जिसने एक प्रिन्टर इपसन कम्पनी 6 पेपर कटर, कटर ब्लेड पैकेट 02. एक कैची, दो ब्लैक मार्कर, नोटो के बंडल तैयार करने के लिये पारदर्शी प्लास्टिक पनी व काली प्लास्टिक पनी, प्लास्टिक स्केल 25 लोह की स्केल 02. इपशन प्रिन्टर में डलने वाली अलग-अलग स्याही के 13 छोटे व तीन बड़े डिब्बे खुले रक्त बैण्ड एक पेपर शीट जिसपर आईसीआईसीआई बैंक एटीम की पर्चीवर एसबीआई बैंक की पर्चीया नोटो की गढ़ी पर लगाने की एसबीआई की पर्ची का एक बण्डल को जप्त किया गया।
इस सम्पूर्ण कार्यवाही को अंजाम तक पहुंचाने में आईपीजी कार्यालय में पदस्थापित स्पेशल टीम के हैड कानि. नानूराम गोदारा व कानि. संदीप जान्दू व रामप्रताप सायच की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।