जयपुर, 18 जून। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (रिप्स) के तहत पात्र प्रदेश की वे टेक्सटाइल इकाइयां, जिन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा कोविड-19 लॉकडाउन से उत्पन्न स्थितियों के कारण दी गई मोरेटोरियम सुविधा का लाभ लिया है, उन्हें मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान का लाभ भी मिल सकेगा। मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने इस संबंध में रिप्स योजना में सकारात्मक संशोधन का निर्णय करते हुए टेक्सटाइल इकाइयों को बड़ी राहत दी है।
उल्लेखनीय है कि रिप्स-2014 एवं रिप्स-2019 के तहत प्रदेश में नई एवं विस्तार इकाई के रूप में निवेश करने पर टेक्सटाइल इकाइयों को टर्म लोन पर वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि से पांच साल तक की अवधि के लिए 5 से 7 प्रतिशत ब्याज अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। कोविड की परिस्थितियों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ने मार्च 2020 से अगस्त 2020 तक की अवधि को मोरेटोरियम अवधि घोषित किया था। राज्य में मोरेटोरियम की सुविधा प्राप्त करने वाली इन टेक्सटाइल इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि का ब्याज अनुदान रिप्स के वर्तमान नियमों के अनुसार देय नहीं था। ऎसे में, इन इकाइयों को 6 माह की मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान से वंचित होना पड़ रहा था। इसे देखते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इन टैक्सटाइल इकाइयों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ करने की तिथि के 5 साल की अवधि के बाद भी ब्याज अनुदान देय होगा, जिससे इन इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि के अप्राप्त अनुदान की भरपाई हो सके।
श्री गहलोत के इस निर्णय से अब इन इकाइयों को मोरेटोरियम अवधि के ब्याज अनुदान का लाभ भी मिल सकेगा। इससे भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़, भिवाड़ी, पाली, जोधपुर सहित अन्य जिलों की लगभग 70 औद्योगिक इकाइयां लाभान्वित होंगी।