अब तक 48 बार बढ़ी हैं पेट्रोल-डीजल की कीमतें,महंगाई पर कांग्रेस का धरना-प्रदर्शन

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बीकानेर बुलेटिन




जयपुर में धरना-प्रदर्शन में सोशल डिस्टेंसिंग की पालना नहीं

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमत देश के हर आम नागरिक की जेब पर असर डालती है. आज देशभर में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू रहे हैं. 100 से ज्यादा जिलों में पेट्रोल 100 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गया है. पेट्रोल डीजल की अनियंत्रित बढ़ती कीमतों के विरोध में ही आज कांग्रेस पार्टी पेट्रोल पम्पों पर सांकेतिक विरोध प्रदर्शन कर रही है. आखिर क्यों बढ़ रही है पेट्रोल-डीजल की कीमत? सरकारें कितना टैक्स लेती है? इस बारे यहां सबकुछ जानिए.


मई-जून में कितनी बढ़ी पेट्रोल-डीजल की कीमत
मार्च-अप्रैल में पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के दौरान पेट्रोल-डीजल की कीमत थमी रहीं. दो मई को चुनाव नतीजे आने के बाद चार मई से दाम बढ़ना फिर शुरू हो गए. मई में कुल 16 बार तेल की कीमतों में इजाफा हुआ. दिल्ली में मई में पेट्रोल 3.83 रुपये और डीजल 4.42 रुपये प्रति लीटर महंगा हुआ. वहीं जून में अबतक 6 बार दाम बढ़ चुके हैं. जून में पेट्रोल 1.66 रुपये जबकि डीजल 1.60 रुपये महंगा हुआ है. साल 2021 में अब तक कीमतें 48 बार बढ़ी हैं. इस दौरान पेट्रोल 12.14 रुपये महंगा हुआ.

पिछले 7 सालों में कितना बढ़ा दाम?

हर साल पेट्रोल-डीजल महंगा ही होता जा रहा है. लेकिन पिछले सात सालों में कीमतों में कुछ ज्यादा ही इजाफा हुआ है. इस दौरान पेट्रोल-डीजल में 30-35 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी देखने को मिली है. 

2014-15- पेट्रोल 66.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 50.32 रुपये प्रति लीटर
2015-16- पेट्रोल 61.41 रुपये प्रति लीटर, डीजल 46.87 रुपये प्रति लीटर
2016-17- पेट्रोल 64.70 रुपये प्रति लीटर, डीजल 53.28 रुपये प्रति लीटर
2017-18- पेट्रोल 69.19 रुपये प्रति लीटर, डीजल 59.08 रुपये प्रति लीटर
2018-19- पेट्रोल 78.09 रुपये प्रति लीटर, डीजल 69.18 रुपये प्रति लीटर
2019-20- पेट्रोल 71.05 रुपये प्रति लीटर, डीजल 60.02 रुपये प्रति लीटर
2020-21- पेट्रोल 76.32 रुपये प्रति लीटर, डीजल 66.12 रुपये प्रति लीटर
11 जून 2021- पेट्रोल 95.85 रुपये प्रति लीटर, डीजल 86.75 रुपये प्रति लीटर

पेट्रोल-डीजल पर कितना टैक्स वसूल रही हैं सरकारें?

सरकार का कहना है कि दाम तो अंतर्राष्ट्रीय कीमतों की वजह से बढ़ रहे हैं. लेकिन असल में एक लीटर पेट्रोल पर केंद्र और राज्य सरकारें आपकी जेब से टैक्स के रूप में पैसा वसूल रही हैं. पेट्रोल पर केंद्र सरकार राज्यों के मुकाबले ज्यादा टैक्स ले रही है. राज्य सरकारों द्वारा पेट्रोल-डीजल पर लगाया गया बिक्री कर या वैट हर राज्य में अलग-अलग होता है. औसतन राज्य सरकारें एक लीटर पेट्रोल पर करीब 20 रुपये और केंद्र सरकार करीब 33 रुपये टैक्स लेती है. यानी कि पेट्रोल-डीजल पर जनता का आधे से ज्यादा पैसा सरकार को टैक्स के रूप में जा रहा है.

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