कोरोना के गंभीर रूप लेने से रोकने में कोविशील्ड और कोवैक्सीन कितनी प्रभावी?

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बीकानेर बुलेटिन




देश में जानलेवा कोरोना वायरस की दूसरी लहर लोगों पर कहर बनकर टूट रही है. हालांकि अब देश में नए मामलों की संख्या में गिरावट दर्ज की जा रही है. इस बीच भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) कोरोना वायरस के टीकों कोविशील्ड और कोवैक्सीन के प्रभाव का पता लगाने के लिए अगले हफ्ते से सर्वेक्षण शुरू करेगा. इस दौरान संक्रमण को गंभीर रूप लेने से रोकने में टीके के प्रभावी होने की जांच की जाएगी.


टीकाकरण की शुरूआत के बाद पहली बार इस तरह का सर्वेक्षण


सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) कोविशील्ड टीके का जबकि भारत बायोटेक कोवैक्सीन टीके का उत्पादन कर रही है. इन टीकों की शुरुआत के बाद से पहली बार इस तरह का सर्वेक्षण होगा. आईसीएमआर के राष्ट्रीय महामारी विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ तरुण भटनागर के मुताबिक, सर्वेक्षण के दौरान 45 साल से ज्यादा उम्र वाले ऐसे करीब 4000 लोगों की समीक्षा की जाएगी जोकि दोनों टीकों में से किसी भी टीके की एक या दोनों खुराक ले चुके हों.


टीकाकरण कितना प्रभावी है? होगी जांच- भटनागर


भटनागर ने कहा, ' शोध के दौरान, हम ऐसे लोगों को लेंगे जोकि कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और अस्पताल में भर्ती हैं और उनके टीकाकरण की स्थिति की तुलना उन लोगों के साथ की जाएगी जोकि संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं.' उन्होंने कहा, 'इसका उद्देश्य यह पता लगाना है कि बीमारी को गंभीर रूप लेने से रोकने में टीकाकरण कितना प्रभावी है?'


देश में 20 करोड़ लोगों को लगी वैक्सीन


वैज्ञानिक ने कहा कि अगले सप्ताह से यह सर्वेक्षण शुरू होने की उम्मीद है. उल्लेखनीय है कि देश में टीकाकरण अभियान शुरू होने के अब तक कोविड-19 टीके की 20 करोड़ से अधिक खुराक दी जा चुकी हैं.


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