हम सभी जानते है कि रक्त एक ऐसी चीज है जो कृत्रिम नहीं बनाया जा सकता। हमें किसी की जान बचाने के लिए अपना रक्तदान करते है। आप चाहे पुण्य कमाने के लिए कुछ भी करलो लेकिन पुण्य के साथ-साथ जो रिश्तों को भी मधुर बना दे वो रक्तदान है। और इसी तर्ज पर टीम फिक्र-ए-मिल्लत ब्लड हेल्पलाइन सोसाइटी पिछले 9 महीने से काम कर रही है।
टीम के परियोजना प्रबंधक शाहिद खान कायमखानी ने बताया कि सरदारशहर चुरू से एक ढाई साल की बच्ची निशा पारीक जिसकी ब्लडिंग के कारण प्लेटलेट्स गिर गयी थी। आपातकालीन स्थिति को देखते हुए तथा इंसानियत बचाने के लिए कोठारी ब्लड बैंक सुपरवाइजर जयप्रकाश ने अपनी प्लेटलेट्स दान की। बता दें कि यह जयप्रकाश ने तीसरी बार प्लेटलेट्स दान की है।
फिक्र-ए-मिल्लत के उपाध्यक्ष अब्दुल कादिर गोरी ने बताया कि अब तक फिक्र-ए-मिल्लत 26 प्लेटलेट्स 22 प्लाज़्मा और 357 यूनिट रक्तदान करवा चुकी है।