रोशनी के रंगों से सराबोर सूरसागर पास से गुजरने वाले हर व्यक्ति को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है। शाम के बाद गहराते अंधकार के बीच सूरसागर का मनमोहक दृश्य हर राहगीर को एक बारगी अपनी ओर निहराने के लिए जरूर रोक लेता है।
सूरसागर के किनारे रंगीन प्रकाश व्यवस्था दूर से ही सूरसागर के वैभव को और लुभावना बना रही है। मुख्य दरवाजे से लेकर पेड़ और गमलों तथा सीढ़ियों पर लगी रंगीन लाइटें यह ऐतिहासिक स्थल बहुत रमणीय लगता हैं। झील के बीचो बीच चलते फव्वारे किसी प्राकृतिक झरने का एहसास करा रहे हैं । उल्लेखनीय है कि कुछ माह पूर्व ही जिला प्रशासन और नगर विकास न्यास द्वारा सूरसागर की संपूर्ण साफ सफाई करने के बाद यहां पानी भरकर रंगीन प्रकाश की व्यवस्था की गई है।
सूरसागर में पहले लीकेज होने की समस्या को भी ठीक किया गया और इसका संपूर्ण सौंदर्यकरण करवा कर यहां बड़े भित्ति चित्रों की भी पुनः चित्रकारी करवाई गई, दीवारों पर पेंट करवाया गया। यहां की दीवारों पर लगे झाड़ झंकार हटाकर बड़े गमले भी लगाए गए, जिसमें भी आकर्षक पेड़ पौधे लगाए गए हैं। इन दिनों पेड़ पौधों और गमलों में भी रंगीन रोशनी की व्यवस्था की गई है।
जिला कलेक्टर व न्यास अध्यक्ष नमित मेहता ने बताया कि ऐतिहासिक और पुरातत्व महत्व के ऐतिहासिक स्थल सूरसागर में अब 12 महीने इसी तरह की व्यवस्था रहे इसके लिए न्यास के अभियंताओं और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हैं। न्यास सचिव नरेंद्र सिंह राजपुरोहित स्वयं सूरसागर की नियमित मॉनिटरिंग अपने स्तर से करवाएंगे और यदि प्रकाश व्यवस्था में किसी तरह की कोई तकनीकी खराबी आए तो उसे तत्काल ठीक करवाया जाए। सूरसागर का यह मनमोहक नया स्वरूप निश्चित तौर पर स्थानीय निवासियों के साथ पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का नया केन्द्र बनकर उभर रहा है।