राजस्थान के निजी व सरकारी स्कूलों में तीसरी से पांचवीं तक की कक्षाओं में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को इस साल 60 प्रतिशत अंक स्कूल की तरफ से दिए जाएंगे और सिर्फ 40 प्रतिशत अंकों के लिए ही लिखित परीक्षा होगी.
ये हुआ है बदलाव
कक्षा 1 और 2 के स्टूडेंट्स के लिए भी कार्य पुस्तिका उपलब्ध कराई जाएगी. इसके अलावा शिक्षकों और अभिभावकों की मदद से स्टूडेंट्स इन कार्य पुस्तिकाओं को पूरा करेंगे. खास बात यह है कि इन्हीं वर्कबुक्स के आधार पर ही कक्षा 1 और 2 के स्टूडेंट्स को प्रमोट कर दिया जाएगा. इसके अलावा प्रश्नपत्र पैटर्न में भी बदलाव किया गया है. कुल अंकों के 20 प्रतिशत अंक, वैकल्पिक प्रश्नों पर दिए जाएंगे.
50 फीसदी अंक इंटरनल मार्क्स के रूप में
राजस्थान के निजी व सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले कक्षा 6 से आठवीं तक के छात्रों को 50 फीसदी अंक इंटरनल मार्क्स के रूप में दिए जाएंगे. इसके अतिरिक्त 50 फीसदी अंक परीक्षा से अर्जित करने होंगे. इन स्टूडेंट्स को भी वर्क बुक दी जाएगी और इसी आधार पर उन्हें परीक्षा देनी होगी. 9वीं से 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को इसका लाभ नहीं मिलेगा. इन कक्षाओं के स्टूडेंट्स के लिए 20 फीसदी इंटरनल मार्क्स मिलेंगे.
वहीं 80 प्रतिशत मार्क्स लिखित परीक्षा के आधार पर मिलेंगे. विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स में माध्यमिक शिक्षा निदेशक सौरभ स्वामी के हवाले से कहा गया है कि 9वीं से 12वीं कक्षा के स्टूडेंट्स को इसका लाभ नहीं मिलेगा. इन कक्षाओं के स्टूडेंट्स के इंटरनल मार्क्स 20 फीसदी रहेंगे और 80 प्रतिशत मार्क्स के लिए लिखित परीक्षा देनी होगी.