जयपुर। प्रदेश के नहरी सिंचित क्षेत्र ( canal irrigated area of the state ) में अंतिम छोर तक पानी पहुंचाने और इसका संतुलित उपयोग सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने नहर विकास के लिए अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( Chief Minister Ashok Gehlot ) ने इस संबंध में 75 करोड़ रूपये के अतिरिक्त बजट प्रस्ताव का अनुमोदन किया है, जिसका उपयोग इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) के द्वितीय चरण के तहत सिंचित क्षेत्र जल प्रबंधन के लिए किया जाएगा।
मुख्यमंत्री से अनुमोदित वित्त विभाग के इस प्रस्ताव के अनुसार, इंदिरा गांधी नहर परियोजना (आईजीएनपी) की तीन नहरों, नोहर-साहवा लिफ्ट, गजनेर लिफ्ट तथा कोलायत लिफ्ट नहरों के कमांड क्षेत्र में दबाव सिंचाई पद्धति के विकास के लिए कार्य प्रगति पर हैं। इसमें कुछ लंबित प्रकरणों के भुगतान तथा प्रगतिरत कार्यों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त बजट राशि स्वीकृत की गई है।
अंतिम छोर तक पहुंच सकेगा पानी
गौरतलब है कि कमांड क्षेत्र में दबाव सिंचाई के लिए आधारभूत ढांचे से जुडे़ कार्यों के पूर्ण नहीं होने से केवल नहर के शुरूआती छोर पर स्थित 10 से 12 प्रतिशत किसान ही पानी का समुचित उपयोग कर पा रहे हैं। अंतिम छोर तक पानी नहीं पहुंच रहा है। दबाव सिंचाई के ढांचे का समुचित विकास नहीं होने से इस क्षेत्र में कुल पानी का केवल 10 से 15 प्रतिशत ही प्रभावी ढंग से उपयोग में आ रहा है। अब कमांड क्षेत्र में विकास कार्यों के पूर्ण हो जाने पर प्रतिवर्ष हजारों हैक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।