बीकानेर@ ‘कोरोना पाॅजिटिव आने के बाद पांच दिन घर पर ही इलाज करवाया, लेकिन सांस लेने में दिक्कत कम नहीं हुई। उल्टियां भी नहीं रुक रही थीं, इस कारण कोविड अस्पताल भर्ती होना पड़ा। वहां की व्यवस्थाओं ने मुझे बेहद प्रभावित किया। समय पर चिकित्सा की सुविधा और डाॅक्टरों के अच्छे व्यवहार को कभी नहीं भूल सकूंगा।‘
यह कहना है बीकानेर शहर के काश नदी क्षेत्र में रहने वाले भगवान दास छंगाणी का। छंगाणी ने बताया कि डाॅक्टरों के व्यवहार ने मरीजों के आत्मविश्वास में वृद्धि की। दवाइयां समय पर मिलती। जरुरत पड़ने पर रात को बारह बजे भी इंजेक्शन लगे। आॅक्सीजन की सप्लाई चौबीस घंटे चालू रहती। साफ-सफाई और खाना-पीना भी बेहतर था। सबसे अच्छा डाॅक्टरों का व्यवहार रहा। डाॅक्टरों ने बेहतर इलाज के साथ मरीजों को माॅटिवेट भी किया।
छंगाणी ने बताया कि पैंसठ वर्ष की आयु होने और तबीयत के लगातार बिगड़ने से एक बार उन्हें डर लगा, लेकिन कोविड अस्पताल पहुंचने के बाद यह डर जाता रहा। अस्पताल में सरकार और जिला प्रशासन द्वारा बेहतरीन व्यवस्थाएं की गई। किसी भी स्तर पर मरीज को कोई परेशानी नहीं हुई। उन्होंने इन व्यवस्थाओं का आभार जताया। साथ ही आमजन से कोरोना की गंभीरता को समझने और इसकी एडवाइजरी की पालना की अपील भी की।