जयपुर, 13 जून। श्रम राज्य मंत्री श्री टीकाराम जूली ने कोविड मृतकों के घर-घर जाकर उनके आश्रितों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना से मौके पर जुड़वाना प्रारम्भ किया। श्री जूली ने रविवार को अलवर जिले में प्रातः कोरोना की द्वितीय लहर के दौरान कोविड मृतकों के घर-घर जाकर उनके परिजनों की कुशलक्षेम पूछकर उनको सांत्वना दी।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत ने संवेदनशीलता के साथ निर्णय लेकर 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के अवसर पर श्रम मुक्त राजस्थान विषय पर आयोजित राज्य स्तरीय ऑनलाइन वेबिनार में कोरोना की द्वितीय लहर में कोविड से मृतक व्यक्तियों के आश्रितों के लिए मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना प्रारम्भ की थी। श्रम राज्य मंत्री श्री टीकाराम जूली इस बाल कल्याणकारी योजना को धरातल पर लागू करने के लिए रविवार 13 जून को प्रातः 9 बजे से ही जुट गए।
कोविड मृतक परिजनों ने अपने दरवाजे पर राजस्थान सरकार में श्रम राज्य मंत्री श्री जूली एवं अलवर जिला कलक्टर सहित प्रशासनिक अमले को देखा तो वे असमंजस की स्थिति में थे किन्तु जब श्री जूली ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना जाहिर कर राज्य सरकार द्वारा संचालित योजना के बारे में बताया तथा कहा कि पीड़ित परिजनों को योजना का लाभ लेने के लिए चक्कर नहीं लगाने पड़े इसलिए पीड़ित के घर पर आकर योजना से जोड़ने आए है। कोविड मृतक परिजनों ने मंत्री के द्वारा सहजता से कहे गए इन शब्दों पर आभार व्यक्त किया और भाव-विभोर होकर कहा कि हमने सोचा भी नहीं था कि सरकार के मंत्री और जिला कलक्टर खुद आकर हमारे परिवार की सुध लेंगे।
श्रम राज्य मंत्री श्री जूली ने जिला कलक्टर से कहा कि जिले के सभी कोविड मृतक परिजनों को मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना से सात दिन में जोड़ने की व्यवस्था सुनिश्चित करावे। उन्होंने कहा कि जरूरतमंद परिवार को समय से योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाए इसमें किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरते।
श्रम राज्य मंत्री ने कोविड मृतक परिजनों को मौके पर ही योजना से जुड़वाकर उनसे कहा कि किसी प्रकार की अन्य समस्या आए तो उनके निजी नम्बर पर सीधे सम्पर्क कर के बता सकते हैं उनकी तत्काल मदद कराई जाएगी।
श्रम राज्य मंत्री ने कोविड मृतकों के घर पर जाकर उनके परिजनों को राज्य सरकार द्वारा संचालित मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कोविड-19 महामारी से अपने माता-पिता को खो चुके अनाथ बच्चों का सहारा अब राज्य सरकार बनेगी। कोरोना के कारण माता-पिता दोनों को अथवा एकल जीवित माता या पिता को खोने वाले बेसहारा बच्चों को ‘मुख्यमंत्री कोरोना बाल कल्याण योजना‘ के तहत तत्काल सहायता के रूप में एक लाख रूपये का एकमुश्त अनुदान तथा 18 वर्ष पूरे होने तक ढ़ाई हजार रूपये की राशि प्रतिमाह दी जाएगी। अनाथ बालक-बालिका के 18 वर्ष की उम्र होने पर उसे 5 लाख रूपये एकमुश्त सहायता दी जाएगी। ऎसे बच्चों को 12वीं कक्षा तक पढाई की सुविधा आवासीय विद्यालय अथवा छात्रावास के माध्यम से निःशुल्क उपलब्ध कराई जाएगी।
इस महामारी के कारण अपने पति को खो चुकी विधवा महिलाओं को भी राज्य सरकार द्वारा एकमुश्त एक लाख रूपये की सहायता अनुदान के रूप में दी जाएगी। साथ ही ऎसी विधवाओं को प्रतिमाह डेढ़ हजार रूपये विधवा पेंशन दी जाएगी। इसके लिये आयु वर्ग एवं आय की कोई भी सीमा नहीं होगी। इन विधवाओं के बच्चों को निर्वाह के लिए एक हजार रूपये प्रतिमाह तथा स्कूल ड्रेस एवं किताबों के लिए दो हजार रूपये सालाना प्रति बच्चा दिया जाएगा।