राज्य सरकार ने प्रदेश में ‘जल जीवन मिशन- हर घर जल योजना‘ के तहत ग्रामीण परिवारों को जारी किये जा रहे घरेलू जल संबंधों को परिवार की महिला मुखिया के नाम से ही जारी किये जाने को वरीयता देने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत के स्तर से इस निर्णय के बाद जलदाय विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री सुधांश पंत ने इस संबंध में विभागीय अधिकारियों को विस्तृत दिशा निर्देश जारी कर दिए गए हैं। इसके तहत जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत जल कनैक्शनों में गांवों में स्थानीय समुदायों विशेषकर महिलाओं को जल योजनाओं के प्रबंधन में भागीदार बनाये जाने पर भी बल दिया गया हैं।
श्री पंत ने बताया कि राज्य सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं हेतु वांछित डाक्यूमेंट श्जनाधारश् भी परिवार की महिला मुखिया के नाम से ही बनाया जाता है। अतः प्रदेश् में जेजेएम के तहत ग्रामीण परिवारों को जारी किये जा रहे घरेलू जल संबंधों को परिवार की महिला मुखिया के नाम से ही जारी किये जाने को वरीयता देने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। इससे महिला सशक्तीकरण को बढ़ावा मिलेगा और वे अपनी आवश्यकताओं और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए गांवों में जल जीवन मिशन की गतिविधियों का नेतृत्व भी कर सकेगी।
एसीएस ने बताया कि जेजेएम के तहत ग्राम जल एवं स्वच्छता समिति में 10 से 15 तक सदस्य शामिल हो सकते है, जिसमें 25 प्रतिशत तक पंचायत के निर्वाचित सदस्य तथा 50 प्रतिशत महिला सदस्यों को शामिल करने के निर्देश जारी किए गए है। इसके अलावा शेष 25 प्रतिशत सदस्यों में गांव के कमजोर वर्ग (अनुसूचित जातिध्अनुसूचित जनजाति) के प्रतिनिधियों को उनकी आबादी के अनुपात के आधार पर शामिल किया जाएगा।