बीकानेर@ शयोबक्स पुत्तर श्री बालूराम जाट निवासी चाडसर तहसील सरदारशहर चूरू के दिनांक 15 फरवरी 2010 को पेट में दर्द हुआ जिस पर डॉ बी के चौधरी मोटाराम चौधरी हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर पंखा रोड चूरू में दिखाया तो डॉक्टर ने जांच कर बताया कि पित्ताशय में पथरी है ऑपरेशन करके निकालनी पड़ेगी ₹50000 खर्च आएगा दिनांक 20-02 2010 को भर्ती किया वह ऑपरेशन कर गाठ निकाली तथा 26-2 -2010 को छुट्टी दी उसके बाद 12से 15 बार बदल बदल कर दवाइयां दी जाती रही और अनावश्यक दिया जाता रहा कि सही इलाज हुआ है लेकिन मरीज के पेट दर्द में आराम नहीं हुआ दिनांक 21 मई 2010 को डॉक्टर से बात की कि आराम नहीं है तो डॉक्टर ने बताया कि पथरी की जयपुर से जो जांच कराई थी उसमें कैंसर पाया गया इस प्रकार 17 मार्च 2010 को रिपोर्ट की जानकारी 21-05-2010 को दी जानबूझकर रिपोर्ट छुपाई और इलाज देते रहे दिनांक 26 -05-2020 को एस एम एस जयपुर दिखाया वहां जांच करके बताया कि पथरी समझकर जो गांठ निकाली वह पथरी नहीं कैंसर की गांठ थी जिसका गलत इलाज कर निकाल दी है जबकि उसका शेक होना था ऑपरेशन कर काठ निकालने से कैंसर सारे शरीर में फैल गया और दिनांक 23-06- 2020 को मरीजप की मृत्यु हो गई डॉक्टर ने अपने फायदे के लिए के लिए मरीज स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया कैंसर की गांठ के साथ छेड़छाड़ नहीं करनी चाहिए गलत ट्रीटमेंट दिया जिससे मृत्यु हो गई तथा कैंसर के तथ्य को छिपाया डॉक्टर की लापरवाही रही
स्व मरीज के वारिसान बरजी देवी पत्नी धनाराम ताराचंद श्री चंद पुत्र व किसतुरी पुत्री ने जिला मंच उपभोक्ता संरक्षण चूरू में परिवाद पेश किया जिसका निर्णय दीया डॉ बीके चौधरी सीनियर स र्जन है मरीज कि कैंसरकी रिपोर्ट आने के बाद आचार्य तुलसी कैंसर सेंटर बीकानेर रेफर कर दिया इस प्रकार कृत्य सेवा दोस्त की श्रेणीमें नहीं माना परिवार खारिज कर दिया इससे व्यथित होकर मरीज के वारिस ने द्वारकादास पारीक एडवोकेट के माध्य से राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सर्किट बेंच बीकानेर में अपील दायर की बताया कि डॉक्टर ने सेवाओं में कमी दी है और डॉक्टर बीके चौधरी ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से अपने हॉस्पिटल का बीमा करा रखा है जरिए वीडियो कॉन्फ्रेसिंग बहस माननीय श्री कमल कुमार बागड़ी सदस्य न्यायिक माननीय श्री अतुल कुमार चटर्जी सदस्य न्यायिक माननीय श्री शोभा सिंह सदस्य ने सुनकर निर्णय दिया कि परिवादी के गाल ब्लेंडर में कैंसर था देरी से बताया तो मृत्यु हो गई परिवादी की ऑपरेशन के लिए सहमति नहीं लि देरी से बताने के कारण कैंसर लीवर में फैल गया बीमा का प्रसन्न डॉक्टर वीके चौधरी व बीमा कंपनी के बीच का है इसमें आयोग हस्तक्षेप नहीं कर सकता इस क्षतिपूर्ति के लिए विपक्षी पूर्ण जिम्मेदार है विवाद जिला मंच ने जो परिवार खारिज किया वह सही नहीं है उपरांत आयोग ने प्रान्त किया जाकर आदेश दिया कि विपक्षी परिवादी गण को 15 लाख रुपए परिवाद प्रस्तुति दिनांक 02-08 -2010 से 9 परसेंट वार्षिक ब्याज कि दर सहित अदा करें परिवादी गण की ओर से पैरवी द्वारकादास पारीक एडवोकेट ने की ।