बीकानेर के कद्दावर नेता देवी सिंह भाटी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को दी कड़ी चेतावनी
बीकानेर बुलेटिन
कभी भारतीय जनता पार्टी की सरकार में मंत्री रहे बीकानेर के कद्दावर नेता देवी सिंह भाटी ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी को कड़ी चेतावनी दी है कि समय रहते सुधर जायें अन्यथा बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है। सरदारशहर में राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी RLP के कार्यकर्ताओं के साथ भाटी का एक फोटो नए राजनीतिक घटनाक्रम की ओर इशारा कर रहा है।
भाटी ने कहा कि भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को सिर्फ वोट बैंक समझती है, कार्यकर्ताओं को भी पिच्छलगू नहीं बनना चाहिए। समय आने पर आंख भी दिखानी चाहिए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनिया का नाम लिए बगैर भाटी कहा कि जिन नेताओं के हाथ में पार्टी की कमान है, वो कभी जमीनी नेता नहीं रहे। आज कार्यकर्ता अगर संकट में आए जाए तो जयपुर का नेता उसको पुचकारता नहीं है, उस पर हाथ नहीं फैरता है। अगर राज में भी ये ही नेता आ जाएंगे तो उनके निकट ही नहीं जा सकेंगे। आज जिसके पास कुर्सी नहीं है, वो जनता के बीच नहीं जाता। फिर राज में तो कार्यकर्ता को देखेंगे ही नहीं। पानी का संकट हुआ, कानून का संकट हुआ लेकिन ये नहीं आए। ऐसे नेता राज में आ गए तो और मारेंगे। इसलिए कार्यकर्ताओं को ऐसे नेताओं को थोड़ी आंख दिखानी चाहिए।
भाटी से हुई बातचीत के संपादित अंश।
आरएलपी के साथ जाएंगे आप?
सरदारशहर में आरएलपी का समर्थन करना है अथवा नहीं करना है? इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है। कल जाकर आया था, वापस जाऊंगा। अगर लगेगा कि आरएलपी का साथ देना चाहिए तो देंगे। हम चाहते हैं कि सरदारशहर में ऐसा कुछ करें कि अलग स्थिति बनें और कार्यकर्ता की इज्जत हो।
आरएलपी से समझौता सिर्फ सरदारशहर तक?
हमेशा एक जगह से शुरूआत होती है। फिर आगे मामला बढ़ता चला जाता है। हमने सामाजिक न्याय मंच की लड़ाई एक जगह से शुरू की थी, पचास लोग थे। आज आर्थिक आधार पर आरक्षण उसी की देन है। संविधान में प्रावधान नहीं है कि आर्थिक आधार पर आरक्षण मिले लेकिन सामाजिक न्याय मंच की आवाज को बल मिला और ये हो गया। कल सरदारशहर में मीटिंग के बाद तय होगा कि आरएलपी के साथ कैसा समझौता होगा।
आप वसुंधरा के साथ हैं, हनुमान बेनीवाल विरोधी
उनका आपसी रिश्ता क्या है? इससे हमें कोई लेना देना नहीं है। मेरा भी हनुमान बेनीवाल से कोई ज्यादा रिश्ता नहीं है। वो अपना काम करते हैं, मैं अपना काम करता हूं। वसुंधरा और हनुमान बेनीवाल के बीच क्या है? उनके पर्सनल मामले में नहीं जाता। मैं ये कह सकता हूं कि बीजेपी में कोई नेता है तो वो वसुंधरा राजे में है। जो क्षमता उनमें है, वो प्रदेश के किसी अन्य नेता में नहीं है।
आप अर्जुनराम का विरोध करेंगे तो बीजेपी कैसे लेगी?
मैंने कब कहा कि मैं बीजेपी ज्वाइन करुंगा? मैंने कभी आवेदन नहीं किया। किसी को कहा भी नहीं। हां, अगर कोई मेरे लिए प्रयास करता है वो जाने। मैंने कभी पूनिया जी या किसी को जाकर कहा नहीं? आगे भी नहीं कहूंगा।
अर्जुनराम से आपकी किन मुद्दों पर अदावत है?
अर्जुनराम ने कांग्रेस के साथ मिलकर भाजपा को विधानसभा चुनाव में हरवाया था। हमारे पास इसका प्रमाण है। जो वोट उन्हें लोकसभा में मिले, वो विधानसभा में कांग्रेस को मिले। अभी जिला परिषद् चुनावों में भी छह वोट कांग्रेस की झोली में डाल दिए थे। इससे ज्यादा क्या प्रमाण चाहिए।
देवीसिंह भाटी अगला चुनाव लड़ेंगे?
मेरा अभी तय नहीं है। मैं चाहता हूं कि मेरा कार्यकर्ता मजबूत हो। मैं केंद्र में मोदी के साथ हूं, आंख मूंदकर साथ हूं लेकिन प्रदेश में नेतृत्व सही नहीं है।
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