बीकानेर। जैसा गांव में हुए लक्ष्मण जांघू हत्याकांड में 38 माह से फरार आरोपी गिरधारी सिंह को डीएसटी ने गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर आईजी ओमप्रकाश पासवान ने आठ हजार रूपए का ईनाम घोषित कर रखा था। वह रेंज के टॉप टेन अपराधियों में शामिल था। साईबर सैल के हेड कांस्टेबल दीपक यादव को आरोपी की धरपकड़ का टारगेट दिया हुआ था। साईबर सैल के हैड कांस्टेबल दीपक यादव अपनी टीम के साथ पिछले एक साल से आरोपी को ट्रेस करने के प्रयास कर रहे थे। उसे भीलवाड़ा से गिरफ्तार किया गया है। आरोपी की तस्दीक के लिए डीएसटी टीम ने पिछले दो दिनों में भीलवाड़ा की 20 कपड़ा फैक्ट्रियां जान मारी। टीम ने यह कार्य हुलिया बदलकर किया और सफलता भी मिल गई।
ये था मामला:- लक्ष्मण जांघू और पड़ोसी गांव का मदन सिंह साथ में काम धंधा करते थे। हत्या की वारदात से पहले दोनों में पैसों के लेनदेन को लेकर फोन पर बातचीत हुई। बातचीत गहमागहमी में बदल गई। दोनों के बीच चैलेंजबाजी हुई। मदन अपने दो साथियों गिरधारी सिंह व प्रेम के साथ आया। लक्ष्मण गाड़ी से बाहर खड़ा था। आरोपियों ने गाड़ी लक्ष्मण पर चढ़ा दी, उसकी मौत हो गई। मामले में मदन सिंह व प्रेम की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। मदन अब भी जेल में है। वहीं गिरधारी फरार हो गया था।
तीन साल से परिवार से नहीं कर पाया संपर्क: गिरधारी ने पुलिस के डर से तीन साल से अपने परिवार से फोन पर भी संपर्क नहीं किया। वहीं गांव से भी दूरी बना रखी थी। उसने नेपाल, भुटान, यूपी, एमपी, दिल्ली, गुजरात, पंजाब, बिहार, जयपुर, जोधपुर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, बाड़मेर, पाली व नागौर में फरारी काटी।
उल्लेखनीय है कि आरोपी को एएसपी सुनील कुमार के निर्देशन व लूणकरणसर वृताधिकारी नोपाराम के सुपरविजन में लूणकरणसर थानाधिकारी चंद्रजीत सिंह व डीएसटी के दीपक यादव मय टीम ने दबोचा। इस सफलता के पीछे दीपक यादव की मुख्य भूमिका रही।