समझ पकड़ने के बाद समाज सेवा में जुटे सुरेंद्र व्यास ने 17 वर्ष की उम्र में आशु लिपिक की तैयारी की और 18 वर्ष की आयु में आशुलिपिक ग्रेड सेकंड प्रतियोगी परीक्षा उतीर्ण की और 1981 में राजकीय सेवा में नियुक्ति प्राप्ति की। व्यास की पहली नियुक्ति फलौदी इंदिरा गांधी नहर परियोजना में हुई उसके बाद चीफ इंजीनियर इंदिरा गांधी नहर परियोजना में सेवा दी। उसके बाद व्यास का विभाग बदला और स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग में अपनी सेवाएं जारी रखी।
राजकीय सेवा में रहते हुए भी व्यास सामाजिक कार्यों में भी हमेशा अग्रणी रहते हैं।
व्यास ने अब तक बड़ी संख्या में लोगों को सरकारी जनकल्याणकारी योजनाओं का फायदा दिलवाया है।
व्यास अखिल भारतीय पुष्टिकर सेवा परिषद शाखा बीकानेर के जिलाध्यक्ष है और राजस्थान स्टेट स्टेनोग्राफर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष भी हैं।
अपनी सेवा के अंतिम चरण में व्यास का जयपुर स्थानांतरण हो गया।
जयपुर रहते हुए भी व्यास हर संभव सामाजिक कार्य से जुड़े रहे हैं।
व्यास 41 वर्ष 4 माह और 25 दिन की सेवा पूरी करके आज जयपुर के निदेशक स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग से सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
जयपुर के स्थानीय ऑफिस में व्यास के सेवानिवृत्ति के उपलक्ष में आयोजन रखा गया जिसमें सभी अधिकारियों/कर्मचारियों ने व्यास को बधाई दी और आगामी जीवन में स्वस्थ और इसी तरह समाज सेवा जुटे रहने की कामना की।