अपनों जैसा था ‘चिकित्सकों’ का अपनापन अस्सी वर्षीय कोहरी ने कहा प्रशासनिक मुस्तैदी से बीता ‘बुरा दौर’
बीकानेर@ फड़ बाजार में रहने वाले अब्दुल मोहिद कोहरी के परिवार के छह सदस्य कोरोना पाॅजिटिव हुए। इनमें अस्सी साल के कोहरी और उनकी 78 वर्षीय धर्मपत्नी खातून भी शामिल थी। वह कोरोना संक्रमण के फैलाव का ‘पीक टाइम’ था। ऐसे में सभी के मन में भय जायज था और प्रत्येक संक्रमित व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य की फिक्र थी।
चिकित्सकों की सलाह के बाद अब्दुल मोहिद और उनकी पत्नी कोविड अस्पताल में भर्ती हो गए। परिवार के बाकी सभी सदस्य होम क्वारेंटाइन हुए। इन प्रतिकूल परिस्थितियों में वृद्ध दंपति को चिंता सता रही थी, कि परिजन उनकी देखभाल कैसे कर पाएंगे? दवाई, खाना-पीना और अन्य व्यवस्थाएं कैसे होंगी? लेकिन कोविड अस्पताल में जिला प्रशासन द्वारा की गई बेहतरीन व्यवस्थाएं और चिकित्सकों का समर्पण उनके लिए बड़ा वरदान बन गया।
उनकी चिंता की लकीरें काफूर हो गईं। कोहरी ने बताया कि डाॅक्टर दिन में दो-तीन बार आते और संभालते। उनका अपनापन, अपनों जैसा ही था। अस्पताल में दवाईयां समय पर मिलती। साफ-सफाई अच्छी थी। गुणवत्तायुक्त खाना मिला। खुद कोहरी तो जल्दी ही स्वस्थ हो गए, लेकिन उनकी पत्नी को पांच-छह दिन लगे। इस दौरान किसी प्रकार की समस्या नहीं आई।
रेलवे से सेवानिवृत्त कार्मिक अब्दुल मुहीद बताते हैं कि जिला कलक्टर और प्रशासनिक अधिकारियों की मुस्तैदी से बुरा वक्त अब बीत चुका है और एक बार फिर सबकुछ पहले जैसा है। इसके बावजूद सरकार और प्रशासन ने जो किया, उसे पूरा परिवार कभी नहीं भूलेगा।
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